नई दिल्ली: तुर्की-सीरिया में भूकंप (Turkey-Syria earthquake) के बाद से जमीन पर रेस्क्यू ऑपरेशन (rescue operation) तेज कर दिया गया है. ऑस्ट्रिया की सेना (Austrian army) भी जमीन पर उतर लोगों को बचाने का काम कर रही है. लेकिन अब सुरक्षा का हवाला (security reference) देकर उसकी तरफ से रेस्क्यू मिशन को सस्पेंड कर दिया गया है. असल में कुछ झड़पें हुई थीं, जिस वजह से ऑस्ट्रिया को अपनी सेना की चिंता सताई और मिशन सस्पेंड करने का फैसला हुआ.
अभी के लिए ऑस्ट्रिया की सेना को बेस कैंप में रुकने के लिए कहा गया है. कुछ दूसरे संगठन के साथ टीम वहां पर मौजूद है. अभी इस समय उनकी तरफ से कोई रेस्क्यू मिशन नहीं चलाया जा रहा है. बीच में ही मिशन को सस्पेंड कर दिया गया है. खुलकर कुछ भी बोलने से बचा जा रहा है, लेकिन सुरक्षा को लेकर चिंता जता दी गई है. जानकारी के लिए बता दें कि इस समय कई देश की सेना मदद के लिए तुर्की और सीरिया पहुंचीं हुई हैं. भारत की तरफ से भी एनडीआरएफ की टीम जमीन पर मौजूद है. राहत सामग्री भी पहुंचा दी गई है.
भारतीय सेना ने तो तुर्की और सीरिया में अपना आर्मी अस्पताल भी खोल दिया है जहां पर घायलों को उपचार दिया जा रहा है. न्यूज एजेंसी AP के मुताबिक एक दिन पहले तक मृतकों का जो आंकड़ा 22 हजार पर था, वो अब बढ़कर 26 हजार को भी पार कर गया है. इतने पर भी अभी मृतकों का आंकड़ा रुका नहीं है और लगातार बढ़ता जा रहा है. कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि भूकंप के कारण जान गंवाने वालों की संख्या इससे कहीं ज्यादा हो सकती है. इस वक्त हजारों लोग भूकंप प्रभावित इलाकों में अस्पताल में भर्ती हैं. अब भी कई लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है. बता दें कि तुर्की में 6 फरवरी की सुबह भूकंप आया था, यानी इसे अब तक 5 दिन बीत चुके हैं.
वर्ल्ड बैंक ने तुर्की को 1.78 बिलियन डॉलर देने का ऐलान किया है. वहीं, अमेरिका ने तुर्की और सीरिया की मदद के लिए 85 मिलियन डॉलर की सहायता की घोषणा की है. भारत भी लगातार और मदद का आश्वासन दे रहा है. लगातार विमान के जरिए सहायता पहुंचाई जा रही है. जानकारी के लिए बता दें कि तुर्की में भूकंप का पहला झटका 6 फरवरी की सुबह 4.17 बजे आया. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.8 मैग्नीट्यूड थी. भूकंप का केंद्र दक्षिणी तुर्की का गाजियांटेप था. इससे पहले की लोग इससे संभल पाते कुछ देर बाद ही भूकंप का एक और झटका आया, रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.4 मैग्नीट्यूड थी. भूकंप के झटकों का यह दौर यहीं नहीं रुका. इसके बाद 6.5 तीव्रता का एक और झटका लगा.
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