नई दिल्ली: बर्ड फ्लू (bird flu) दुनिया के लिए एक नया खतरा बन सकता है. इसे लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) ने अलर्ट भी जारी कर दिया है. बता दें कि बर्ड फ्लू एवियन (Bird) इन्फ्लूएंजा (Flu) टाइप ए वायरस के संक्रमण से होने वाली बीमारी है. ये बीमारी आम तौर पर पोल्ट्री के साथ-साथ अन्य पक्षियों और स्तनपायी प्रजातियों (birds and mammal species) को भी संक्रमित कर सकती है. हालांकि, हाल ही में WHO के एक एनालिसिस में कहा गया है कि ये बीमारी इंसानों के लिए भी खतरा पैदा कर सकती है. WHO के चीफ टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस का कहना है कि H5N1 25 सालों से जंगली पक्षियों और पोल्ट्री में एक पड़े पैमाने पर फैल रहा है, लेकिन हाल ही में स्तनधारियों में पाए गए इस इन्फेक्शन की बारीकी से निगरानी करने की जरूरत है.
WHO के चीफ टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने कहा कि 1996 में H5N1 का पहला केस सामने आया था. हमने H5N1 के केवल दुर्लभ और कम ट्रांसमिशन को मनुष्यों के बीच देखा है. लेकिन हम यह नहीं मान सकते हैं कि स्थिति ऐसी ही बनी रहेगी. हमें परिस्थिति में किसी भी बदलाव के लिए तैयार रहना चाहिए.उनका कहना है कि पिछले कुछ हफ्तों के दौरान स्तनधारियों में H5N1 एवियन इन्फ्लूएंजा संक्रमण के कई मामले सामने आए हैं, जिनमें मिंक, ऊदबिलाव, लोमड़ी और समुद्री शेर भी शामिल हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि हमेशा की तरह लोगों को सलाह दी जाती है कि वे मृत या बीमार जंगली जानवरों को न छुएं और न ही कलेक्ट करें, बल्कि उन्हें स्थानीय अधिकारियों को रिपोर्ट करें. डब्ल्यूएचओ राष्ट्रीय अधिकारियों के साथ काम कर रहा है ताकि स्थिति की बारीकी से निगरानी की जा सके और मनुष्यों में H5N1 संक्रमण के मामलों की अच्छे से स्टडी की जा सके. सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, बर्ड फ्लू वायरस के संक्रमण से इंसानों में बीमारी बिना किसी लक्षण या हल्के बीमारी से लेकर गंभीर बीमारी तक हो सकती है. स्थिति गंभीर होने पर पीड़ित मरीज की मौत भी हो सकती है.
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