जबलपुर। दूसरा पुल के पास स्थित मोखा पेट्रोल पंप पर हाईकोर्ट के एक जज (High Court judge ) जब पेट्रोल (Petrol) भरवाने पहुंचे तो पेट्रोल पंप की गफलत पकड़ में आ गई। दरअसल न्यायाधीश ने गाड़ी का टैंक फुल करने कहा था। उस वक्त उनकी गाड़ी में 5 से 7 लीटर पेट्रोल मौजूद था। पेट्रोल पंप कर्मचारियों (petrol pump workers) ने टैंक फुल किया और जब पट्रोल का बिल थमाया तो उसमें 57.43 लीटर पेट्रोल डाले जाने का उल्लेख था। यह आंकड़ा देख जज साहब भी हैरत में पड़ गए, क्योंकि उनकी गाड़ी का पेट्रोल टैंक केवल 50 लीटर क्षमता वाला था। उन्होंने इस गफलत की शिकायत तत्काल जिला प्रशासन को दी, घटना से प्रशासनिक अधिकारियों (administrative officers) में भी हड़कंप मच गया।
पेट्रोल पंप किया गया सील
सबसे पहले तो न्यायाधीश ने प्रशासनिक अधिकारियों की मौके पर ही क्लास लगा दी। उनका कहना था कि इस पेट्रोल पंप से आम जनता को अब तक कितना चूना लगाया जा चुका होगा। जज साहब के मिजाज को देखते हुए तत्काल प्रशासनिक अधिकारियों ने पंप को सील कर दिया, वहीं इस घटना की शिकायत पुलिस को भी की गई है।
जानकारी के मुताबिक सिविल लाइन स्थित सरबजीत सिंह मोखा के सिटी फ्यूल सेंटर में क्रेटा कार में पेट्रोल भरा गया। जिस समय पेमेंट की रसीद सामने आई तो 10 से 12 लीटर पेट्रोल की चोरी ने हाईकोर्ट जज को भी चौंका दिया। देर रात फूड कंट्रोलर कमलेश तांडेकर और पुलिस के अधिकारियों को मौके पर उन्होंने बुलाया जिसके बाद पेट्रोल पंप को सील कर दिया गया।
क्या कहना है जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक का
जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक कमलेश तांडेकर के मुताबिक उन्हें शिकायत मिली थी कि पेट्रोल पंप पर कम मात्रा में पेट्रोल दिया जा रहा है। तत्काल ही नापतौल विभाग की टीम को लेकर जांच की गई। इसमें शिकायत सही पाई गई। इसके बाद पेट्रोल पंप को सील किया गया.रात करीब 1 बजे तक चली कार्रवाई में पंप के सभी छह नोजल की जांच की गई।
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