नई दिल्ली। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय (Minister of State for Home Nityanand Rai) ने बुधवार को राज्यसभा (Rajya Sabha) में जम्मू कश्मीर (Jammu and Kashmir) में आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि साल 2022 में जम्मू-कश्मीर में कुल 187 आतंकवादी मारे गए और 111 आतंकवाद विरोधी अभियान (counter terrorism campaign) चलाए गए। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री ने यह जानकारी भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी (BJP MP Sushil Kumar Modi) के एक लिखित प्रश्न का उत्तर देते हुए दी।
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री ने यह भी बताया कि साल 2022 में 125 आतंकवादी घटनाएं हुईं थीं। साथ ही 2022 में जम्मू-कश्मीर में 117 बार आतंकियों और सेना के बीच मुठभेड़ हुईं। भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी के एक लिखित प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि उन्होंने कहा कि 2021 में जम्मू-कश्मीर में 180 आतंकवादी मारे गए थे और 95 आतंकवाद विरोधी अभियान चलाए गए थे। इसके साथ ही 2021 में कुल मिलाकर 100 मुठभेड़ और 129 आतंकवादी घटनाओं की सूचना मिली थी।
वहीं, सरकार ने बुधवार को संसद को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा उपकक्षीय अंतरिक्ष पर्यटन मिशन के लिए किए गए व्यवहार्यता अध्ययन के बारे में जानकारी दी। सरकार ने यह भी बताया कि इसे भारत के पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान गगनयान मिशन की सफलता के बाद शुरू किया जा सकता है।
लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में प्रधान मंत्री कार्यालय (पीएमओ) में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने अंतरिक्ष पर्यटन के लिए व्यवहार्यता अध्ययन के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन-इसरो ने अंतरिक्ष पर्यटन की संभावना के बारे में अध्ययन किया है। उन्होंने कहा कि मानव के सुरक्षित अंतरिक्ष पर्यटन के लिए भारत का पहला मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम गगनयान पर इसरो काम कर रहा है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद संजय काका पाटिल और वाईएसआरसीपी सांसद मदिला गुरुमूर्तिके सवालों के जवाब में जितेद्र सिंह ने कहा कि गगनयान कार्यक्रम का उद्देश्य पृथ्वी की निचली कक्षा में मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता का प्रदर्शन है। गगनयान मिशन की उपलब्धि के बाद भविष्य के मिशन शुरू किए जाएंगे। इस दौरान उन्होंने कहा कि इसरो ने एक तरल प्रणोदक चरण बूस्टर पर उप-कक्षीय अंतरिक्ष पर्यटन मिशन के लिए कुछ व्यवहार्यता अध्ययन भी किए हैं। सिंह ने कहा कि एस्ट्रोसैट डेटा के परिणामस्वरूप 750 से अधिक लेख और 12 पीएचडी थीसिस प्रकाशित हुए हैं।
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