नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार को आप नेता की याचिका पर (On AAP Leader’s Plea) दिल्ली के उपराज्यपाल (Delhi Lieutenant Governor) और एमसीडी कमिश्नर (MCD Commissioner) को नोटिस जारी किया (Issued Notice) । याचिका आम आदमी पार्टी के मेयर पद की उम्मीदवार शेली ओबेरॉय ने दायर की थी । ओबेरॉय ने मेयर के लिए तत्काल चुनाव कराने की मांग की है।
याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता ए.एम. सिंघवी ने कहा कि मेयर का चुनाव पिछले साल दिसंबर में होना था लेकिन अब तक नहीं हो पाया है। उन्होंने आगे जोर देकर कहा कि संविधान के अनुच्छेद 243आर में कहा गया है कि मनोनीत सदस्यों को मतदान करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
शीर्ष अदालत ने सिंघवी की इस दलील पर भी ध्यान दिया कि दिल्ली नगर निगम अधिनियम की धारा 76 के अनुसार महापौर या उनकी अनुपस्थिति में उप महापौर को निगम की बैठक की अध्यक्षता करनी होती है और तीन पदों (महापौर, उप महापौर और स्थायी समिति के सदस्यों) के लिए एक साथ चुनाव कराना कानून के विपरीत है।
कोर्ट ने कहा, “नोटिस जारी करें, सोमवार तक का समय दें।” याचिका में एक सप्ताह के भीतर एमसीडी हाउस बुलाने, महापौर के चुनाव के पूरा होने तक कार्यवाही को स्थगित नहीं करने की मांग की गई है, साथ ही ये भी कि मनोनीत सदस्य मेयर के चुनाव में वोट देने के हकदार नहीं हैं।
आम आदमी पार्टी की आतिशी ने एक प्रेस ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए कहा था, “आम आदमी पार्टी आज सुप्रीम कोर्ट जा रही है। हम शीर्ष अदालत से अपील करेंगे कि उनकी निगरानी में एक सप्ताह से दस दिनों के भीतर एमसीडी चुनाव कराए जाएं। सत्य शर्मा ने मनमाने ढंग से सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया है।” उन्होंने कहा, “हम एल्डरमैन यानि मनोनीत पार्षदों को मतदान का अधिकार देने के भाजपा के फैसले को भी चुनौती देंगे। आप के पास 250 निर्वाचित सदस्यों में से 134 का बहुमत है।”
भाजपा और आप दोनों ने महापौर के चुनाव को रोकने के संबंध में आरोप-प्रत्यारोप लगाए हैं। विवाद की जड़ एल्डरमेन की नियुक्ति और सदन में उनके मतदान का अधिकार है। आप ने आरोप लगाया है कि भाजपा मनोनीत सदस्यों को मतदान का अधिकार देकर उसका जनादेश चुराने की कोशिश कर रही है।
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