वाशिंगटन: चीन के जासूसी गुब्बारे (Chinese Spy Balloon) को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. चीन (China) ने भारत और जापान समेत कई देशों को निशाना बनाकर जासूसी गुब्बारों के एक बेड़े को संचालित किया है. एक मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया है. यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है, जब कुछ दिनों पहले ही अमेरिकी सेना द्वारा अमेरिका के संवेदनशील प्रतिष्ठानों के ऊपर मंडरा रहे एक चीनी जासूसी गुब्बारे को मार गिराया गया था.
न्यूज एजेंसी PTI के अनुसार अमेरिकी अधिकारियों ने शनिवार को अटलांटिक महासागर में दक्षिण कैरोलिना के तट से एक लड़ाकू जेट द्वारा मार गिराए गए चीनी निगरानी गुब्बारे की खोज के बारे में भारत सहित अपने दोस्तों और सहयोगियों को जानकारी दी है. अमेरिका की उप विदेश मंत्री वेंडी शर्मन ने सोमवार को यहां करीब 40 दूतावासों के अधिकारियों को इस बारे में जानकारी दी.
द वाशिंगटन पोस्ट ने मंगलवार को दावा किया कि गुब्बारे से निगरानी के प्रयास के तहत जापान, भारत, वियतनाम, ताइवान और फिलीपीन समेत कई देशों और चीन के लिए उभरते रणनीतिक हित वाले क्षेत्रों में सैन्य संपत्तियों संबंधी जानकारी एकत्र की गई है. वाशिंगटन पोस्ट ने यह भी दावा किया कि चीन उन तमाम देशों की जासूसी कर रहा है जो तेजी से आगे बढ़ रहा है और जिनका चीन से विवाद चल रहा है. इस गुब्बारे के जरिए चीन इन देशों की सैन्य संपत्ति की जानकारी जुटा रहा था.
अमेरिका के डिफेंस एक्सपर्ट एचआई सटन के हवाले से कई मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दिसंबर 2021 से जनवरी 2022 के बीच चीन के जासूसी गुब्बारे ने भारत के सैन्य बेस की जासूसी की थी. इस दौरान ड्रैगन के जासूसी गुब्बारे ने अंडमान निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर के ऊपर से उड़ान भरी थी. चिंता की बात यह है कि दिसंबर 2021 के अंतिम हफ्ते में भारतीय सेना की तीनों विंग (थल सेना, वायु सेना और नेवी) के जवान अंडमान निकोबार में एक साथ ड्रिल करने के लिए जुटे थे.
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