बच्चे को मारने का अफसोस नहीं- एक और युवक की तलाश
इन्दौर। पिगडम्बर महू में क्रेशर कारोबारी के मासूम बेटे का अपहरण कर हत्या करने के मामले में पकड़ाए दोनों कातिलों ने डेढ़ माह पूर्व भी बच्चे को मारने की योजना बनाई थी, लेकिन मौका नहीं मिल पा रहा था, इस बात का खुलासा खुद आरोपियों ने कल रात हुई लम्बी पूछताछ के दौरान किया। उनका कहना है कि हमें बच्चे को मारने का कोई अफसोस नहीं है, उसे मारना तो तय था।
पूछताछ में आरोपियों ने कहा कि पैसे मिल भी जाते तो भी बच्चे की हत्या तय थी। यहीं कारण है कि आरोपियों ने बच्चे के दोनों हाथ पैर बांध दिए थे और मुंह पर पट्टी चिपका दी थी, जिसके कारण उसकी जल्दी मौत हो गई। गौरतलब है कि हर्ष को अगुवा करने के बाद रितिक 2 घंटे तक विक्रांत के साथ घूमता रहा। दोनों पहले तेजाजी नगर और बाद में महू पहुंचे थे। रितिक कार से उतरकर हर्ष के घर पहुंच गया था। इस हत्या कांड में रोशन नामक युवक भी शामिल था, जो रितिक का भाई है, जिसकी पुलिस को तलाश है। बताया जा रहा है कि रोशन को सारी घटना के बारे में जानकारी थी और इसके बावजूद उसने जितेन्द्रसिंह और उसके परिवार को कोई जानकारी नहीं दी और इतना बड़ा कांड हो गया।
हत्या कांड चिन्हित अपराध की श्रेणी में
आईजी राकेश गुप्ता ने कहा कि इस हत्याकांड को पुलिस ने चिन्हित अपराध की श्रेणी में शामिल किया है। मामले में जल्दी चालान पेश कर फास्ट ट्रेक कोर्ट में केस चलाया जाएगा, ताकि आरोपियों को कड़ी सजा दिलाई जा सके।
दो बच्चे थे टारगेट पर…लेकिन हर्ष को इसलिए अगवा किया, क्योंकि उसके घर में रखे रुपए की भनक थी आरोपियों को…
हत्यारे रितिक ने पूछताछ में बताया कि टारगेट पर चौहान परिवार के दो बच्चे थे, लेकिन उसने हर्ष को इसलिए चुना, क्योंकि हर्ष के पिता जितेंद्र चौहान के पास बीते दिनों जमीन का पैसा आया था। वह हर्ष के अलावा चौहान परिवार के ही अन्य शख्स के बेटे के आसपास भी फटकता रहता था। कभी उसे चाकलेट दिलाने ले जाता तो कभी किसी दूसरे बहाने से…. लेकिन बच्चे की मां ने उसे फटकारा तो वह दूर हो गया।
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