उज्जैन। महाकाल विस्तारीकरण योजना के तहत महाकाल मंदिर के समीप के निर्माणाधीन पहुँच मार्ग अधूरे हैं। रहे-सहे मार्ग पर ठेलों और दुकानदारों ने अतिक्रमण कर रखे हैं। ऐसे में महाशिवरात्रि पर जब लाखों श्रद्धालु जब यहाँ पहुँचेंगे तब क्या हाल होगा? अभी यहाँ अतिक्रमण के कारण श्रद्धालुओं का पैदल निकलना भी मुश्किल हो रहा है। महाशिवरात्रि का पर्व 18 फरवरी को मनेगा। इससे पहले 10 फरवरी से महाकाल मंदिर में शिव नवरात्र पर्व आरंभ हो जाएगा। ऐसे में अगले सप्ताह से ही महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं को आगमन शुरू हो जाएगा, क्योंकि शिव नवरात्र में प्रतिदिन 9 दिन तक श्रद्धालु दूल्हा बने भगवान महाकाल के अलग-अलग स्वरूपों के दर्शन करेंगे। 18 फरवरी की मध्यरात्रि निशा काल का पूजन होगा और अगले दिन भगवान महाकाल का सेहरा दर्शन होगा।
अनुमान है कि इस बार महाशिवरात्रि पर 7 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन करने आएँगे। ऐसे में महाकाल मंदिर के आसपास के अतिक्रमणों को अभी से हटाना होगा अन्यथा श्रद्धालुओं का आगमन शुरू होने के बाद यह संभव नहीं हो पाएगा और महाशिवरात्रि वाले दिन लाखों लोगों की भीड़ महाकाल क्षेत्र में उमड़ेगी तथा परेशानी होगी। इधर महाकाल मंदिर तक जाने वाली आसपास की सड़कों का काम भी अधूरा है। बड़ा गणेश मंदिर के समीप से हरसिद्धि की पाल की ओर जाने वाली सड़क का काम भी अधूरा है। यादव धर्मशाला से महाकाल चौराहे तक तथा उधर चारधाम से लेकर ब्रिज की चौथी भुजा तक की सड़क का काम भी पूरा नहीं हो पाया है। ऐसे में जहाँ मार्ग शेष रह गए हैं वहाँ फूल प्रसादी और अन्य सामग्री की ठेले व फुटपाथ पर टेबलें रखकर लगाई गई दुकानों के कारण रास्ते बंद से हो गए हैं। इनके कारण आम दिनों में भी श्रद्धालु पैदल नहीं चल पा रहे हैं। ऐसे में महाशिवरात्रि पर बड़ी समस्या हो सकती है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved