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    सोशल मीडिया पर कई अफसरों की सक्रियता शून्य

  • February 07, 2023

    • सरकारी योजनाओं को कैसे होगा प्रचार-प्रसार?

    भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की कोशिश है कि प्रदेश सरकार की योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लोगों को मिले। इसके लिए नेताओं और अफसरों को सोशल मीडिया पर योजनाओं का प्रचार-प्रसार करने को कहा गया है। खासकर मैदानी अफसरों को सोशल मीडिया पर सक्रियता बढ़ाने का निर्देश दिया गया है। लेकिन इसके बाद भी इंस्टा, ट्विटर, फेसबुक सहित सभी सोशल नेटवर्किंग साइटों पर कई अफसरों की सक्रियता शून्य है। ऐसे में सरकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार कैसे होगा और जनता को इसका लाभ कैसे मिलेगा?
    गौरतलब है की प्रदेश की अधिकांश आबादी सोशल मीडिया पर सक्रिय है। ऐसे में सरकार की कोशिश है की प्रदेश के सभी अधिकारी-कर्मचारी सोशल मीडिया पर सक्रिय रहें और प्रदेश सरकार की योजनाओं की जानकारी उस पर दें। इससे प्रदेश सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों का आक्रामक तरीके से प्रचार प्रसार होगा। दरअसल, सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए मप्र सरकार के अफसरों से कहा गया है कि वे अपने सोशल मीडिया फॉलोअर्स और बढ़ाएं। मुख्यमंत्री के बार-बार निर्देश देने के बाद भी कई जिलों के कलेक्टर और संभाग के आयुक्त सोशल मीडिया में अपने फॉलोअर्स नहीं बढ़ा पा रहे हैं।

    कई अफसरों का कोई फॉलोअर नहीं
    मुख्यमंत्री के निर्देश पर जहां कई जिलों के अफसरों ने सोशल मीडिया पर अपनी सक्रियता बढ़ाई है और हजारों फॉलोअर्स बनाए हैं। वहीं हास्यास्पद स्थिति नगर निगम खंडवा के लिए है जिसके ट्विटर में एक भी फॉलोअर नहीं है जबकि इंस्टाग्राम में महज तीन जिलों के कलेक्टर ऑफिस के पेज हैं। फेसबुक में भी कलेक्टरों के फॉलोअर्स में कमी आई है। जबलपुर प्रदेश का पहला जिला है जहां के कलेक्टर के नाम पर एक लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। आईएएस अफसरों के सोशल मीडिया में सक्रिय रहने को लेकर ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम में फॉलोअर्स की पड़ताल की गई तो कई चौकाने वाले मामले सामने आए हैं। 31 दिसंबर से लेकर 2 जनवरी के बीच जो तस्वीर सामने आई है, उनमें कई चौंकाने वाले तथ्य हैं। कलेक्टर फेसबुक पर ज्यादा सक्रिय हैं। ट्विटर पर सरकारी योजनाओं और बैठकों की जानकारी दी जा रही फिर भी एक दर्जन जिला अपने फॉलोअर्स की संख्या 5 हजार से अधिक नहीं कर पाए हैं। ट्विटर पर इंदौर कलेक्टर के सबसे ज्यादा एक लाख 39 हजार फॉलोअर्स हैं। इस संदर्भ में मुरैना कलेक्टर अंकित अस्थाना का कहना है कि सोशल मीडिया पर फालोअर्स का आकलन मैं कैसे कर सकता हूं। हम नंबर ऑफ पोस्ट पर ज्यादा फोकस करते हैं। हमारे पोस्ट कहीं से कम नहीं है।


    फेसबुक में जबलपुर, ट्विटर में इंदौर, इंस्टाग्राम में भोपाल आगे
    जिलों के सोशल मीडिया अकाउंट की पड़ताल करने पर यह तथ्य सामने आया कि फेसबुक में जबलपुर, ट्विटर में इंदौर, इंस्टाग्राम में भोपाल कलेक्टर आगे हैं। फेसबुक में प्रदेश के टॉप-5 जिलों में जबलपुर के 1,23,000, छतरपुर के 66,000, मुरैना के 63,000, नरसिंहपुर के 52,000, इंदौर के 43,000 फालोअर्स हैं। वहीं सबसे नीचे 5 जिलों में निवाड़ी के 559, आलीराजपुर के 1,015, बैतूल के 2,281, बड़वानी के 5,733, उमरिया के 5,015 फालोअर्स हैं।

    वहीं ट्विटर में प्रदेश के टॉप-5 जिला कलेक्टरों में
    इंदौर के 1,39,000, भोपाल के 64,200, रीवा के 32,000, जबलपुर के 30,700, उज्जैन के 29,300 फॉलोअर्स हैं। इंस्टाग्राम में भोपाल के 1,09000, सीहोर के 866, पन्ना के 848 फॉलोअर्स हैं। सबसे पीछे पांच जिलों में उमरिया के 4,700, आलीराजपुर के 5,000, झाबुआ के 6,500, नर्मदापुरम के 6,600, बड़वानी के 8,001 फॉलोअर्स हैं। नगर निगमों के सबसे कम फॉलोअर्स खंडवा के 00, जबलपुर के 300, ग्वालियर के 3,157, भोपाल के 7,579, इंदौर के 9,160 फॉलोअर्स हैं। ट्विटर में संभाग आयुक्तों में इंदौर के 58,200, भोपाल के 28,900, जबलपुर के 14,500, रीवा के 18,800, उज्जैन के 16,600 फॉलोअर्स हैं।

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