इंदौर (Indore) । मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर शहर हमेशा कुछ नया करने में अग्रणी रहता है. इसकी वजह से यह शहर हमेशा सुर्खियों में रहता है. मगर, इस बार एक प्रसाद की दुकान (shop) को लेकर पूरे भारतवर्ष में इंदौर शहर (Indore City) की चर्चा हो रही है.
मिनी मुंबई कहे जाने वाले इंदौर शहर में यूं तो जमीनों की कीमत आसमान छू रही है. वहीं, इंदौर शहर में रियल स्टेट का बड़ा कारोबार माना जाता है. बड़ी-बड़ी कंपनियां यहां इंवेस्ट कर रही हैं. ऐसे समय में खजराना गणेश मंदिर परिसर में लगने वाली प्रसादी की दुकान की नीलामी में एक दुकान के दामों को सुनकर बड़े बड़े रियल स्टेट कारोबारी भी दंग हैं.
दुनिया की सबसे महंगी प्रसाद की दुकान बनी
प्रसिद्ध खजराना गणेश मंदिर परिसर में दुनिया की सबसे महंगी प्रसाद की दुकान खोली गई है. खजराना गणेश मंदिर में अक्टूबर में आईडीए ने दुकानों को लेकर एक टेंडर जारी किया गया था. इसमें कई लोगों ने टेंडर भरा था, लेकिन 70 वर्ग फीट की प्रसाद की दुकान की बोली करीब 1 करोड़ 72 लाख रुपये तय हुई.
इस टेंडर में लगाई गई राशि को व्यापारी द्वारा एक महीने में देने का समय दिया गया था. यह राशि खजराना गणेश प्रबंध समिति में जमा होगी, जिससे मंदिर का और विस्तार हो सकेगा. इसके साथ ही इंदौर कमर्शियल प्रॉपर्टी के मामले में नंबर वन बन गया है. इसके साथ ही यह प्रसाद की दुकान विश्व की सबसे अधिक कीमत वाली दुकान बन गई.
दुकान के मालिक दीपक राठौड़ का कहना है कि यह दुनिया की सबसे महंगी दुकान है. हम गणेश भगवान का धन्यवाद देते हैं. आज जो कुछ भी है, यह उन्हीं की देन है और यह दुकान भी उन्हीं की वजह से मिली है. उन्होंने कहा कि यहां 25 से 30 साल से प्रसाद की दुकान चला रहे हैं. यहां प्रसाद बेचने की करीब 60 दुकानें हैं.
108 लोगों ने भरे फॉर्म, सिर्फ 7 हुए सेलेक्ट
दुकान का टेंडर मिलने के बाद इंदौर के सुखलिया निवासी दीपक राठौर दुनिया की पहली सबसे मंहगी दुकान के मालिक भी बन गए हैं. अक्टूबर में दुकान के टेंडर जारी किए थे, जिसमें 108 लोगों ने फॉर्म भरे थे. दीपक ने बताया कि इसमें केवल 7 फार्म ही सेलेक्ट हुए थे, जिसमें भगवान गणेश की कृपा से यह दुकान मुझे प्राप्त हुई है.
बहुत अच्छे फिलिंग लोगों को आ रही है. मेरी मंशा यह है कि भगवान गणेश मंदिर परिसर में पैसा का इस्तेमाल किया जाए. यहां कई प्रकार के लड्डू हम भक्तों को देना चाहते हैं, जिसमें देसी घी से बने उड़द, मूंग के लड्डू और मोदक शामिल हैं.
कलेक्टर के निर्देश पर आगे बढ़ी नीलामी की प्रक्रिया
यह दुकान लंबे समय से अटकी थी. दुकान नंबर 1-ए और 20-ए को बेचा जाना था. अक्टूबर 22 में मंदिर समिति के अध्यक्ष कलेक्टर मनीष सिंह के निर्देश पर इन दोनों दुकानों की नीलामी प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया था. इंदौर विकास प्राधिकरण से इसकी नीलामी प्रक्रिया कराई गई थी.
बेस प्राइस 30 लाख रुपये था
इंदौर विकास प्राधिकरण के माध्यम से टेंडर जारी किए गए था. 36 और 69.53 वर्गफीट की दुकानों के लिए 30 लाख का बेस प्राइज रखा गया था. वहीं, जब आईडीए द्वारा द्वारा टेंडर खोले गए तो 69.53 वर्गफीट की दुकान के टेंडर को देख प्रशासन और आईडीए के अधिकारी दंग रह गए.
व्यापारी देवेंद्र राठौड़ ने सबसे अधिक राशि 1 करोड़ 72 लाख रुपये 69.53 वर्गफीट की दुकान के लगाए थे. इससे इस दुकान की कीमत करीब 2.47 लाख रुपये प्रति वर्गफीट आई है. वहीं 36 वर्गफीट की दुकान के लिए 22 लाख रुपये कीमत लगाई गई. बताते चलें कि मंदिर परिसर की हर दुकान का रोजाना करीब 15 से 20 हजार रुपये का गल्ला है.
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