कितने की दवाइयां खरीदी, कोई नहीं बता पा रहा है, कहां-कहां एम्बुलेंस से दवाइयों का छिडक़ाव किया, इसका भी रिकार्ड नहीं
इन्दौर। प्रवासी भारतीय सम्मेलन के लिए 3 करोड़ से ज्यादा के पौधे बाले-बाले खरीद लिए गए और उसके बाद 7 प्रकार की दवाइयों के नाम पर भी बड़ी गड़बड़ी हुई है। कितनी दवाइयां खरीदी गईं और एम्बुलेंस के माध्यम से कहां-कहां दवाइयों का छिडक़ाव हुआ, इसका कोई रिकार्ड नहीं है। प्रभारी और सुपरवाइजर एक दूसरे पर जिम्मेदारी डालते रहे। कई दवाइयां स्टोर विभाग में ले जाकर पटक दी गई हैं, जबकि सडक़ों पर पौधों की हालत बदतर हो रही है।
प्रवासी भारतीय सम्मेलन के दौरान नगर निगम ने शहरभर में बड़े पैमाने पर कई प्रजातियों के पौधे लगाए थे और इनमें ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर, बापट चौराहा, 56 दुकान, विजयनगर, स्कीम नं. 140, कनाडिय़ा रोड, एयरपोर्ट, जंजीरवाला से लैंटर्न होटल तक महंगे पौधे लगाए गए थे। इनमें जंजीरवाला क्षेत्र तो ऐसा था, जहां जास्मीन के पौधे लगाए गए, जो महंगे आते हैं। लगभग 3 करोड़ के पौधे निगम उद्यान अधिकारी चेतन पाटिल ने अपनी मर्जी से खरीदे और इसके बाद इन्हें कहां-कहां लगाया, इसका भी कोई रिकार्ड किसी भी सुपरवाइजर से लेकर उद्यान अधिकारी के पास नहीं है। अब इसके साथ ही नया मामला यह भी सामने आया कि करोड़ों के पौधे और लाखों की दवाइयां खरीद ली गर्इं और यह दवाइयां अब सेंटर विभाग में धूल खा रही हैं। अधिकारियों से पूछा गया कि हर रोज पौधों के लिए कितनी जगह दवाइयों का छिडक़ाव हो रहा है तो अधिकारियों के पास इसका कोई रिकार्ड नहीं है। उनका कहना था कि एम्बुलेंस अलग-अलग क्षेत्रों में भेजी जाती है, जिसमें दवाइयों की किट रहती है।
7 प्रकार की दवाइयों के छिडक़ाव का दावा
नेहरू पार्क के प्रभारी प्रतीक बागोरा का कहना है कि एम्बुलेंस के माध्यम से हर रोज अलग-अलग क्षेत्रों में सात प्रकार की दवाइयों का छिड़काव किया जाता है। पौधों में फफूंद ना लगे एवं कीटनाशक से बचाव के साथ-साथ उनकी ग्रोथ के लिए कई प्रकार की दवाइयों का छिडक़ाव होता है। इसके लिए बड़े पैमाने पर दवाइयां खरीदी गर्इं, लेकिन कितने की दवाइयां खरीदी गईं, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। दवाइयों में प्रमुख डीएटी, रोगोर एवं फफूंद नाशक प्रमुख हैं।
कहां हो रहा है छिडक़ाव इसकी जानकारी नहीं
पौधों की देखरेख की जिम्मेदारी संभालने वाले उद्यान विभाग के अधिकारी रमेश जोशी से जब पूछा गया कि प्रवासी भारतीय सम्मेलन के लिए करोड़ों के पौधे डिवाइडरों से लेकर कई स्थानों पर लगाए गए थे और उनकी सुरक्षा के लिए कहां-कहां छिडक़ाव किया जा रहा है तो उनका कहना है कि एम्बुलेंस हर रोज अलग-अलग क्षेत्रों में जाती है और इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। यह जानकारी नेहरू पार्क कार्यालय से मिलेगी, जबकि कार्यालय के अधिकारियों का कहना है कि इस प्रकार की कोई जानकारी अब तक तैयार ही नहीं की गई।
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