नई दिल्ली (New Delhi)। केंद्र सरकार (Central government) ने शीर्ष अदालत (Supreme Court) में पांच जज की नियुक्ति (appointment of five judges) की सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिशों (Supreme Court collegium recommendations) को स्वीकार कर लिया है। इस बाबत शनिवार को अधिसूचना जारी कर दी गई है। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या बढ़कर 32 हो गई। यहां जजों के कुल स्वीकृत पद 34 हैं। ये सभी पांच जजों को छह फरवरी की सुबह शपथ दिलाई जाएगी।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में फिलहाल 27 जज हैं। इस मंजूरी से एक दिन पहले ही अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणि ने कहा था कि पांच जज को सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत करने की सिफारिशों को केंद्र सरकार जल्द मंजूरी दे देगी। कॉलेजियम ने दिसंबर 2022 में इन नामों की सिफारिश की थी। अब सुप्रीम कोर्ट में केवल दो ही पद खाली रह गए हैं।
मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 31 जनवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस राजेश बिंदल और गुजरात हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अरविंद कुमार को सुप्रीम कोर्ट जज के रूप में पदोन्नत करने की सिफारिश भेजी है। अगर इसे मंजूर कर लिया जाता है तो शेष दो रिक्तियं भी जल्द भरी जा सकती हैं।
कॉलेजियम के सिफारिशों के अनुरूप सरकार ने जिन पांच नामों की मंजूरी दी है, उनमें राजस्थान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति पंकज मित्तल, पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति संजय करोल, मणिपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति पीवी संजय कुमार, पटना हाईकोर्ट के न्यायाधीश अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा का नाम शामिल है। इन न्यायाधीशों के सोमवार को सुबह 10:30 बजे भारत के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे।
नए जजों के बारे में:
जस्टिस पंकज मित्तल: वर्तमान में वे राजस्थान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हैं। इससे पहले वे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस थे। चीफ जस्टिस के रूप में अपनी पदोन्नति से पहले वह इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश थे। न्यायमूर्ति मित्तल ने 1985 में एक वकील के रूप में हाईकोर्ट में अभ्यास करना शुरू किया था।
जस्टिस संजय करोल: संजय करोल नवंबर 2019 से पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हैं। इससे पहले उन्हें त्रिपुरा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्हें हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस के रूप में नियुक्त किया गया था। न्यायमूर्ति करोल ने वर्ष 1986 में वकालत शुरू की थी।
जस्टिस पीवी संजय कुमार: वह 2021 से मणिपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हैं। इससे पहले वह पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में न्यायाधीश थे। उन्होंने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में न्यायाधीश के रूप में भी काम किया है। न्यायमूर्ति कुमार ने अगस्त 1988 में आंध्र प्रदेश से अपनी वकालत शुरू की थी।
न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह: न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह पटना हाईकोर्ट के न्यायाधीश हैं। 2011 में वह यहां न्यायाधीश बने थे। इसके बाद 2021 में उनका ट्रांसफर आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट कर दिया गया था। जून 2022 में वह फिर पटना हाईकोर्ट लौटे। जस्टिस अमानुल्लाह ने सितंबर 1991 में बिहार स्टेट बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन कराया था।
जस्टिस मनोज मिश्रा: मनोज सिन्हा इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश हैं। उन्होंने 2011 में न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट के दीवानी, राजस्व, आपराधिक और संवैधानिक पक्षों में बतौर वकील अभ्यास किया था।
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