निगम कमिश्नर के निर्देश पर उपायुक्त ने मौके पर जाकर देखी स्थिति तो कई दुकानें लगी मिली
इन्दौर। राजबाड़ा क्षेत्र को कब्जे से मुक्त रखने के लिए निगम ने रिमूवल विभाग (Corporation Removal Department) के 20 कर्मचारियों को वहां की जिम्मेदारी दी थी, ताकि सड़क किनारे और फुटपाथों पर दुकानें ना लगे। मगर उसके बावजूद दुकानें लगने की शिकायत आने पर निगम कमिश्नर ने उपायुक्त को मौका स्थिति देखने पहुंचा तो वहां रिमूवल अमला एक ओर खड़ा था और फुटपाथ घेरकर कई दुकानें बेखौफ लगाई गई थी। अब सभी 20 कर्मचारियों को बर्खास्त करने का प्रस्ताव तैयार हो रहा है। राजबाड़ा और उसके आसपास के क्षेत्रों में सड़क किनारे और फुटपाथों पर लगने वाली दुकानों को लेकर पूर्व में वहां के दुकानदार मोर्चा संभाल चुके हैं और कई दिनों तक आंदोलन चला था। बाद में निगम ने मुहिम चलाकर वहां से सड़क किनारे दुकान लगाने वाले कई लोगों को हटा दिया था। पिछले कई महीनों से राजबाड़ा और उसके आसपास के क्षेत्रों में सड़क घेरकर दुकानें लगना बंद हो गई थी, लेकिन सम्मेलन निपटते ही फिर से सड़क और फुटपाथ के आसपास कब्जे होना शुरू हो गए। निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल के निर्देश पर रिमूवल विभाग के 20 कर्मचारियों की टीम वहां पूरे क्षेत्र में निरीक्षण और दुकानें नहीं लगने देने के लिए लगाई गई थी। टीमें पूरे क्षेत्र में सुबह से लेकर दिनभर मुनादी करती, लेकिन उसके बावजूद दुकानों की संख्या बढ़ती जा रही थी। दो दिन पहले निगम उपायुक्त लता अग्रवाल (Corporation Deputy Commissioner Lata Agarwal) ने वहां जाकर दौरा किया तो राजबाड़़ा के फुटपाथ और सड़क किनारे कई दुकानें लगी हई थी और निगम का अमला पीली जीपें लेकर एक ओर खड़ा हुआ था, इस पर उन्होंने कर्मचारियों को फटकार लगाई। अब इस मामले में रिमूवल विभाग के लापरवाह 20 कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त करने का प्रस्ताव तैयार कर कमिश्नर को भेजा जा रहा है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved