नई दिल्ली (New Delhi) । साल 2023 में माघ पूर्णिमा (Magh Purnima) यानि माघ महीने की पूर्णिमा 5 फरवरी 2023 को है। पूर्णिमा तिथि के स्वामी चंद्र देवता (Lord Moon God) हैं। मान्यता है कि पूर्णिमा पर इनकी पूजा से मनुष्य का समस्त संसार पर आधिपत्य होता है। खासकर संतान के उत्तम स्वास्थ के लिए पूर्णिमा का व्रत बहुत महत्वपूर्ण है। वहीं इस बार माघ पूर्णिमा पर रवि पुष्य योग और सर्वार्थ सिद्धि योग समेत चार शुभ योग बन रहे हैं. इस दिन पूजा पाठ, मंत्र जप, दान, स्नान से पुण्य लाभ होता है और देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिलता है।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार माता लक्ष्मी और चंद्रमा की कृपा से भाग्य प्रबल होगा और धन लाभ होगा. कार्यों में सफलता मिलती है। माता लक्ष्मी के आठ स्वरूप हैं, जिन्हें अष्टलक्ष्मी के नाम से जानते हैं। जिस पर अष्टलक्ष्मी की कृपा होती है, उसकी उन्नति को कोई रोक नहीं सकता है, लेकिन माता लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं तो फिर उस व्यक्ति का धन, वैभव, समृद्धि सबकुछ शून्य हो जाता है। माघ पूर्णिमा के दिन आपको कुछ कार्यों को करने से बचना चाहिए। यदि आप भूलवश भी माता लक्ष्मी को नाराज कर देते हैं तो फिर आपके लिए संकट पैदा हो सकता है।
2. माघ पूर्णिमा पर स्नान न करना भी भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा से स्वयं को दूर रखना है। यदि गंगा या तीर्थ स्नान नहीं कर पाते हैं तो घर पर ही नहाने के पानी में गंगाजल डालकर स्नान कर लें. गंगा की पवित्र बूदें जल को पवित्र कर स्वयं के समान कर देती हैं।
3. माता लक्ष्मी को प्रसन्न करना जितना महत्वपूर्ण है, उतना ही भगवान विष्णु को. माघ पूर्णिमा पर अपने किसी भी कार्य से भगवान विष्णु या उनसे जुड़ी वस्तुओं का अनादर न करें. ऐसा करने से लक्ष्मी कृपा आपको प्राप्त नहीं होगी.
4. माघ पूर्णिमा के दिन केले के पौधे, तुलसी के पौधे, आंवला पेड़, पीपल, हरसिंगार आदि को किसी भी प्रकार से हानि न पहुंचाएं. ये भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी से जुड़े हुए हैं.
5. माघ पूर्णिमा या फिर किसी भी दिन गाय को न मारें या उसका अनादर न करें. गाय को लक्ष्मी का रूप माना जाता है, उसमें सभी देवी-देवताओं का वास होता है. इस दिन गोवंश की सेवा से पुण्य मिलता है.
6. तामसिक भोजन जैसे मांस, लहसुन, प्याज आदि के सेवन से बचें.
माघ पूर्णिमा 2023 की तिथि
इस साल माघ पूर्णिमा 04 फरवरी शनिवार को रात 09:29 बजे से प्रारंभ हो जाएगी और यह 05 फरवरी को रात 11:58 बजे तक है. इस दिन आप सूर्योदय के साथ ही स्नान और दान कर सकते हैं.
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