लंदन (London)। जान हथेली पर रखकर यानी छोटी नौकाओं के जरिये इंग्लिश चैनल पार करके ब्रिटेन (Britain) के समुद्र तटों पर अवैध रूप से पहुंचने के मामले में भारतीय नागरिक कथित तौर पर तीसरे सबसे बड़े प्रवासी समूह हैं। ‘मीडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि गृह कार्यालय (home office) के अधिकारियों का मानना है कि भारतीय छात्र (Indian student) नियमों में मौजूद उस खामी का इस्तेमाल कर रहे हैं जो शरण मांगने वालों को ब्रिटेन में अध्ययन करने और अंतरराष्ट्रीय शुल्क की तुलना में काफी कम रकम अदा करने की अनुमति देता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि करीब 250 भारतीय प्रवासियों ने इस साल छोटी नाकाओं के जरिये अपनी जान को जोखिम में डाल कर इंग्लिश चैनल को पार किया। यह संख्या पिछले साल इंग्लिश चैनल पार करने वालों से 233 अधिक है। इस तरह भारतीय नागरिक इस मामले में अफगान और सीरियाई नागरिकों (Afghan and Syrian citizens) के बाद तीसरे स्थान पर हैं।
रिपोर्ट में दावा किया गया है, ”इसके पीछे एक सिद्धांत, भारतीयों के लिए सर्बिया का वीजा मुक्त यात्रा नियम को बताया जा रहा है। गृह कार्यालय के अधिकारियों का मानना है कि इसके जरिये यूरोप में प्रवेश का द्वार खोल दिया गया है।”
ब्रिटेन में भारतीय छात्रों का प्रतिनिधित्व कर रहे संगठन की अध्यक्ष सनम अरोड़ा ने कहा, ”यह सुनना बहुत परेशान करने वाला है और एनआईएसएयू (नेशनल इंडियन स्टूडेंट्स एंड एलुमनी यूनियन) ने ऐसी गतिविधि के बारे में पहली बार सुना है।”
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