नई दिल्ली । राज्यसभा में विपक्ष के नेता (Leader of Opposition in Rajya Sabha) मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Khadge) ने गुरुवार को अडानी समूह पर (On Adani Group) हिंडनबर्ग शोध रिपोर्ट (Hindenburg Research Report) की संयुक्त संसदीय समिति (JPC) या भारत के प्रधान न्यायाधीश की निगरानी में (Under the supervision of Chief Justice of India) जांच कराने की मांग की (Demanded an Investigation) । संसद के बाहर विजय चौक पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए खड़गे ने द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, जद (यू), शिवसेना-ठाकरे, माकपा सीपीआई, एनसीपी, आईयूएमएल, एनसी, आप और केरल कांग्रेस जैसे अन्य विपक्षी दलों के नेताओं के साथ मामले की जांच की मांग की।
संसद में खड़गे के कक्ष में एक बैठक के बाद न्यायिक या जेपीसी जांच की मांग करने का निर्णय लिया गया, जहां उपरोक्त पार्टियों के सदस्य भी मौजूद थे। बाद में खड़गे ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने अन्य नेताओं के साथ मिलकर अडानी समूह के मुद्दे पर चर्चा के लिए राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित करने का नोटिस दिया था, लेकिन इसे सभापति जगदीप धनखड़ ने खारिज कर दिया।
समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव ने कहा कि मामला बहुत ‘गंभीर’ है। विपक्ष ने आरोप लगाया है कि अडानी फर्मों में निवेश किए गए एलआईसी और एसबीआई के सार्वजनिक धन डूबने का खतरा है और सरकार कार्रवाई नहीं कर रही है। आप सांसद संजय सिंह ने जानना चाहा कि सरकार इस मामले पर चुप क्यों है।
भारत राष्ट्र समिति के सदस्य केशव राव ने विपक्षी नेताओं द्वारा दिए गए स्थगन नोटिस को खारिज करने के लिए धनखड़ से सवाल किया। इससे पहले अडानी मुद्दे पर विपक्षी दलों के विरोध के बीच संसद के दोनों सदनों को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
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