नई दिल्ली (New Delhi)। अर्थव्यवस्था (economy) के लिहाज से आज भारत के लिए दिन बेहद अहम है। बुधवार को केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) देश का आम बजट (Budget 2023 ) पेश करने जा रही हैं। करीब 11 बजे सदन में उनका भाषण शुरू होगा। गरीब तबके से लेकर कारोबारी वर्ग तक Budget 2023 में अपने लिए उम्मीदें लगाए है। बजट सत्र के पहले दिन आर्थिक समीक्षा (economic review) पेश की गई। इसमें अनुमान लगाया जा रहा है कि भारत की जीडीपी विकास दर (India’s GDP growth rate) 6.0 से 6.8 रहेगी। खास बात हैं कि वित्तमंत्री सीतारमण का यह पांचवा बजट होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने भी सोमवार को उनका जिक्र किया था।
रोजगार पर खास ध्यान दे सकती है सरकार
भारत के सियासी गलियारों से लेकर आम जनता के बीच तक भी रोजगार का मुद्दा बीते साल जमकर गर्माया रहा। ऐसे में संभावनाएं जताई जा रही हैं कि सरकार 2023 बजट के दौरान बेरोजगारी से राहत से जुड़े ऐलान कर सकती है। दिसंबर में बेरोजगारी दर 8.3 फीसदी पर पहुंच गई थी। सरकार MNREGS या दूसरी ग्रामीण रोजगार योजनाओं में खर्च बढ़ा सकती है।
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को मिल सकती है रफ्तार
ग्लोबल सप्लाई चेन के मामले में खुद को चीन के विकल्प के तौर पर दिखा रहे भारत में मैन्युफैक्चरर्स फैक्ट्री बनाने की इच्छा जाहिर कर रहे हैं। ऐसे में वह सरकार से आर्थिक लाभ चाहते हैं। जानकारों का कहना है कि मैन्युफैक्चरिंग से जुड़ी गतिविधियों और रोजगार निर्माण को बढ़ावा देने के लिए रणनीतियों को कुछ बेहतर किया जा सकता है।
क्या क्रिप्टो पर होगा आज बड़ा ऐलान?
चर्चा में रहने वाली क्रिप्टोकरंसी को लेकर बजट से पहले अटकलें तेज हो जाती हैं। बजट 2023 से पहले भी उम्मीद की जा रही है कि सरकार कोई बड़ी घोषणा कर सकती है। जानकारों का कहना है कि बिटक्वॉइन और दूसरी डिजिटल करंसी को आए एक दशक से ज्यादा समय हो गया है, लेकिन सरकार इसके रेग्युलेशन को लेकर कोई फैसला नहीं ले सकी है। कहा जा रहा है कि इस साल सरकार कोई बड़ा कदम उठा सकती है।
इस टीम ने तैयार किया है बजट
आम बजट पेश होने के लिए तैयार है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बुधवार सुबह 11 बजे सदन में ‘बहीखाता’ पेश करेंगी। इसे तैयार करने वालों की सूची में वित्तमंत्री के अलावा वित्त सचिव टीवी सोमनाथन, सचिव अजय सेठ, सचिव तुहिन कांता पांडे, सचिव संजय मल्होत्रा, सचिव विवेक जोशी, मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन का नाम शामिल है।
भारत की अर्थव्यवस्था ने किया इन 6 चुनौतियों का सामना
वित्त मंत्रालय के अनुसार, आर्थिक समीक्षा में बताया गया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था लगभग 6 चुनौतियों का सामना कर रही है। कोविड-19 से संबंधित चुनौतियों के कारण रुकावट आई, रूस-यूक्रेन संघर्ष और इसके प्रतिकूल प्रभाव के साथ-साथ आपूर्ति श्रृंखला, मुख्य रूप से खाद्य, ईंधन तथा उर्वरक की आपूर्ति में बाधाएं आई और महंगाई को रोकने के लिए फेडरल रिजर्व की दरों में बढ़त के कारण विभिन्न देशों के केंद्रीय बैंकों के सामने समस्याएं पैदा हुईं। समीक्षा में बताया गया है कि दुनिया के बाकी हिस्सों की तरह, भारत ने भी इन असाधारण चुनौतियों का सामना किया, लेकिन अधिकांश अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में इसने उनका बेहतर तरीके से सामना किया।
स्टार्टअप्स को भी सरकार से राहत की उम्मीद
साल 2022 में कर्मचारियों की छंटनी की खबरें आईं। देश-दुनिया की कई दिग्गज कंपनियां भी इससे अछूती नहीं रहीं। ऐसे में स्टार्टअप्स बजट 2023 को उम्मीद भरी नजरों से देख रहे हैं। कहा जा रहा है कि स्टार्टअप्स को केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से बुधवार को की जाने वाली घोषणाओं से राहत की दरकार है। वे सरकार से सपोर्ट पैकेज की उम्मीद कर रहे हैं।
आसान इनकम टैक्स फॉर्म्स चाहें करदाता
देश के बजट पर कारोबारी वर्ग की नजरें होती हैं, लेकिन इस आर्थिक कार्यक्रम को करदाता भी दिलचस्पी से देखते हैं। कहा जा रहा है कि जनता इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फॉर्म्स और प्रक्रिया को आसान करना चाहती है। जानकार बताते हैं कि बीते कुछ सालों में यह प्रक्रिया और फॉर्म्स कुछ जटिल हो गए हैं। ऐसे में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का ऐलान करदाताओं को राहत दे सकता है।
बजट में ये पांच घोषणाएं हो सकती हैं
1- टैक्स में अधिक छूट या रिबेट
2- सेक्शन 80C में डिडक्शन की लिमिट में इजाफा
3- ज्यादा होम लोन टैक्स इंसेंटिव्स
4- लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स यानी LTCG टैक्स में राहत
5- इंश्योरेंस पर टैक्स इंसेंटिव्स
कर रियायतों, राजकोषीय मजबूती के बीच संतुलन की होगी चुनौती
वित्त मंत्री सीतारमण के सामने राजकोषीय सूझबूझ दिखाने के साथ करों में कटौती एवं सामाजिक सुरक्षा बढ़ाने जैसी अपेक्षाओं के बीच संतुलन साधने की चुनौती होगी। बजट से पहले उद्योग संगठनों एवं हित समूहों के साथ चर्चा के दौरान उठी मांगों में आयकर स्लैब में बदलाव की मांग प्रमुख रही है। इससे मध्य वर्ग को राहत मिल सकती है। वहीं गरीबों पर सार्वजनिक व्यय बढ़ाने के साथ घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहन देने के उपायों की घोषणा भी की जा सकती है। हालांकि, इन उम्मीदों को पूरा करते समय सीतारमण के लिए राजकोषीय सूझबूझ बनाए रखना जरूरी होगा।
सेनाओं को भी और ज्यादा फंड की दरकार, क्या विचार करेगी सरकार?
सीमा पर रक्षा के लिए भारत पनडुब्बियां, तोपें समेत कई चीजें खरीदेनी की तैयारी कर रहा है। ऐसे में डिफेंस फोर्सेज और उससे जुड़े उद्योग भी बजट में बड़ा आवंटन हासिल करने की उम्मीद कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि तीनों सेनाओं ने रक्षा मंत्रालय के सामने अपनी प्रेजेंटेशन में ज्यादा फंड की मांग की है।
टैक्स स्लैब रेट में बदलाव चाहते हैं करदाता
बुधवार को जब केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भाषण दे रही होंगी, तो करदाताओं की नजरें भी उनपर होंगी। खबर है कि वेतनभोगी करदाताओं को राहत और जनता के हाथों में ज्यादा पैसा देने के लिए लोग टैक्स से सबसे ऊंचे रेट 30 फीसदी को कम कर 25 प्रतिशत पर लाना चाहते हैं। साथ ही कर सीमा को भी 10 लाख रुपये बढ़ाया जाए।
क्या डायरेक्ट टैक्स में बदलाव पर विचार कर रही है सरकार?
खबर है कि सरकार नई प्रत्यक्ष कर व्यवस्था के तहत दरों को घटाने पर विचार कर सकती है। साथ ही बजट 2023 में संशोधित टैक्स स्लैब शामिल हो सकता है। कहा जा रहा है कि वित्त मंत्रालय चाहता है कि लोग धीरे-धीरे नई टैक्स व्यवस्था की ओर बढ़ें।
बजट से क्या चाहता है रियल एस्टेट?
भारत के रियल एस्टेट को उम्मीद है कि किफायती आवास के मामले में बजट 2023 जरूरी रफ्तार देगा। खबर है कि साल 2015 से इंसेंटिव जारी होने के बाद इस सेगमेंट को काफी मदद मिली थी। हालांकि, कोरोनावायरस महामारी के चलते आए संकट ने अफोर्डेबल हाउसिंग सेगमेंट को खासा प्रभावित किया था। यहां डिमांड और सप्लाई दोनों ही अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई थीं।
सरकार ने लगाया विकास की गति तेज रहने का अनुमान
केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अनुसार, सर्वेक्षण कहता है कि वित्त वर्ष 2024 में विकास की गति तेज रहेगी क्योंकि कॉरपोरेट और बैंकिंग क्षेत्र के लेखा विवरण पत्रों के मजबूत होने से ऋण अदायगी और पूंजीगत निवेश के शुरु होने का अनुमान है। आर्थिक विकास को लोक डिजिटल प्लेटफॉर्म के विस्तार तथा ऐतिहासिक उपायों जैसे पीएम गतिशक्ति, राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति और उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं के माध्यम से समर्थन मिलेगा, जो निर्माण उत्पादन को बढ़ावा देंगे।
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