जबलपुर। मिशन कंपाउंड में राजस्व विभाग की विशप बोर्ड ऑफ एजुकेशन चर्च ऑफ नार्थ इंडिया वाली जमीन को कोई खरीदार नहीं मिला है। लोक परिसंपत्ति प्रबंधन संस्था ने इसमें रुचि नहीं दिखाई। के लिए अब दोबारा प्रक्रिया विभाग ने जमीन की नीलामी के लिए विड़ जारी की थी। इस जमीन की लीज समाप्त होने और उसका नवीनीकरण नहीं होने के बाद जिला प्रशासन ने टुकड़ों में इसे बेचने की योजना बनाई है। 4303 वर्गमीटर जमीन का आरक्षित मूल्य 27 करोड़ 59 लाख रुपए रखा गया है। प्रशासन को इससे कही ज्यादा राशि मिलने की उम्मीद थी लेकिन इस जमीन को लेकर विवाद होने के कारण किसी व्यक्ति या संस्था ने वि नहीं डाली। यह महत्वपूर्ण जमीन है। चारों तरफ व्यावसायिक क्षेत्र है। यहां एक-एक इंच जमीन की कीमत है। मध्यप्रदेश लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग ने इसके लिए मप्र स्टेट असेट मैनेजमेंट कंपनी को एजेंसी बनाया था। उसी के माध्यम से टेंडर प्रक्रिया पूरी कराई गई थी। समय सीमा बीत जाने के बाद किसी संस्था या व्यक्ति ने ई-नीलामी प्रक्रिया में भागीदारी नहीं की।
शासन को बढ़कर मिली थी कीमत
इस बेशकीमती जमीन की ई-नीलामी प्रक्रिया में एक भी बिडर शामिल नहीं हुआ। जबकि शहर में पहले अन्य जमीनों के लिए निकाली गई निविदा में कई दावेदार शामिल हुए थे। उनकी कीमत शासन को बढ़कर मिली। सिविल लाइन की बर्न कंपनी की जमीन को तो आरक्षित मूल्य से जमीन के लिए भी आरक्षित मूल्य से 139 करोड़ रुपये जयादा मिले है। वहीं मप्र परिवहन विभाग की जमीन के लिए भी आरक्षित मूल्य से ज्यादा बोली लगी थी।
बोर्ड ऑफ एजुकेशन चर्च ऑफ नार्थ इंडिया की भूमि की ई-नीलामी प्रक्रिया में एक भी बिड़ नहीं आई। फिर से निविदा निकालने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
शिवांश असाटी, सहा प्रबंधक मा. स्टेट असेट मैनेजमेंट कंपनी
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