नई दिल्ली (New Delhi)। देश (country) में कोर्ट (Court) की तरफ से दी गई फांसी की सजा (increase in death penalty) में बढोतरी हुई है। देश के ट्रायल कोर्ट (trial court) ने बीते साल 2022 में 165 कैदियों को मौत की सजा (165 prisoners sentenced to death) सुनाई जो पिछले छह साल में सबसे ज्यादा है। इससे पहले साल 2021 में 146 कैदियों को मौत की सजा सुनाई कई। कोर्ट की तरफ से सुनाई गई फांसी की सजा में एक तिहाई मामले यौन अपराध से जुड़े थे।
साल 2015 से लेकर 2022 में कोर्ट की तरफ से दिए गए फैसलों में मौत की सजा में 40 प्रतिशत बढ़त हुई है। इसके पीछे कारण ट्रायल कोर्ट की तरफ से बड़ी संख्या में मौत की सजा और अपीलीय अदालतों की तरफ ऐसे मामलों के निपटान की कम दर को बताया जा सकता है।
साल 2008 के केस में 38 को मिली मौत
एक आंकड़े के मुताबिक, 2008 के सीरियल ब्लास्ट मामले में अहमदाबाद की एक अदालत की तरफ से फरवरी 2022 में 38 लोगों को दी गई मौत की सजा सुनाई थी। साल 2016 में मौत की 153 सजा में मामलों के मुकाबले साल 2022 में ये सजाएं 165 तक पहुंच गईं।
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