सिलचर (Silchar)। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Assam Chief Minister Himanta Biswa Sarma) ने महिलाओं को लेकर ऐसा बयान दिया कि अब उनकी हर तरफ आलोचना की जा रही है। दरअसल, एक कार्यक्रम में सीएम (CM) ने कहा कि मां बनने की सबसे सही उम्र 22 से 30 वर्ष के बीच है। महिलाओं को उचित उम्र में ही मां बनना चाहिए, अन्यथा चिकित्सीय जटिलताएं होती हैं। उनकी सरकार कम उम्र में विवाह (early marriage) और इस दौरान बच्चे के जन्म को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री की टिप्पणी ऐसे समय आई है जब राज्य सरकार ने बाल विवाह और कम उम्र में मां बनने की परिपाटी को रोकने के लिए सख्त कानून लाने और यौन अपराधों से बच्चों को बचाने के लिए बने कानून पाक्सो की धाराओं का इस्तेमाल करने का फैसला किया है।
पिछले हफ्ते, बिस्वा मंत्रिमंडल ने यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत 14 साल से कम उम्र की लड़कियों से शादी करने वाले पुरुषों के खिलाफ ऐ्क्शन लिया जाए। 14-18 साल की उम्र की लड़कियों से शादी करने वालों पर बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के तहत मुकदमा चलाया जाएगा।
बयान से घिरे बिस्वा
कई महिला कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री की आलोचना करते हुए कहा कि सरमा को इसके बजाय अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात करनी चाहिए । असम के सिल्चर में वकील और सामाजिक कार्यकर्ता 34 वर्षीय पॉलोमी नाग ने कहा कि मुख्यमंत्री को यह सोचना चाहिए कि नौकरियों का सृजन कैसे किया जाए ताकि नवजात शिशुओं को बेहतर जीवन मिले। कहा कि हमें महिलाओं को 30 से पहले गर्भ धारण करने का सुझाव देने के बजाय अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात करनी चाहिए हमारे सीएम चिकित्सक नहीं, उन्हें इस तरह की टिप्पणी करने से पहले कुछ अध्ययन पढ़ना चाहिए।
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