नई दिल्ली (New Delhi)। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट (Hindenburg Report) का मामला अदाणी समूह (Adani Group) के लिए अब और गंभीर होता जा रहा है। खबर है कि भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) (Securities Exchange Board of India (SEBI)) ने समूह की एसीसी और अंबुजा सीमेंट (ACC and Ambuja Cement) की जांच करने वाली है। इन दोनों कंपनियों को स्विटजरलैंड की होल्सिम से मई, 2022 में अदाणी ने खरीदा था। इसमें उपयोग किए ऑफशोर स्पेशल पर्पज वेहिकल (एसपीवी) की जांच हो सकती है। इसमें 17 ऑफशोर एसपीवी शामिल थे।
हालांकि, सूत्रों ने कहा कि अदाणी समूह ने उस समय इसकी पूरी जानकारी सेबी को दी थी। लेकिन हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अब फिर से इसकी जांच की जा सकती है। जुलाई में सेबी ने मॉरीशस के फंडों की जांच शुरू की थी। इनकी अदाणी समूह की 6 कंपनियों में अच्छी खासी हिस्सेदारी है।
जेफरीज और सीएलएसए पक्ष में
उधर, ब्रोकरेज हाउस जेफरीज और सीएलएसए ने शुक्रवार को एक रिपोर्ट जारी की। इसमें उन्होंने कहा कि कंपनी पर जो भी कर्ज हैं, वह जोखिम में नहीं हैं और बैलेंसशीट के औसत पर हैं। इसलिए कोई डाउनग्रेड जोखिम नहीं है।
समूह के ऊपर 1.9 लाख करोड़ का कर्ज
एक रिपोर्ट में कहा गया है कि समूह के ऊपर कुल 1.9 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है। इसमें से 60 हजार करोड़ सीमेंट कंपनियों की खरीदी के लिए लिया गया। इस पूरे कर्ज में से करीब 33 फीसदी घरेलू बैंकों का है। बाकी विदेशी बैंक और बॉन्ड का है। अदाणी ग्रीन एनर्जी, अदाणी पावर और अदाणी पोर्ट पर ही सबसे ज्यादा एक लाख करोड़ रुपये के करीब कर्ज है।
हिंडनबर्ग ने कहा कंपनी पर बहुत ज्यादा कर्ज का जोखिम है और साथ ही इसके शेयरों का मूल्यांकन 85 फीसदी ज्यादा है। हालांकि अदाणी समूह ने बुधवार को इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया। बृहस्पतिवार को समूह ने इस मामले में कानूनी कार्रवाई की संभावना तलाशने की बात कही थी।
बाजार पूंजीकरण में अब चौथे नंबर पर
शेयरों की हो रही जमकर पिटाई से अदाणी समूह बाजार पूंजीकरण के लिहाज से अब चौथे नंबर पर खिसक गया है। शुक्रवार को इसकी 11 कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 15.02 लाख करोड़ रुपये रहा। मंगलवार को यह 19.20 लाख करोड़ रुपये था। यानी दो दिनों में इसमें 2.18 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आई है।
बाजार पूंजीकरण के लिहाज से पहले नंबर पर अब टाटा समूह है। इसका पूंजीकरण 21.58 लाख करोड़ रुपये है। 16.09 लाख करोड़ रुपये के साथ रिलायंस समूह दूसरे पर और 15.54 लाख करोड़ रुपये के साथ एचडीएफसी समूह तीसरे स्थान पर है। 17 सितंबर को अदाणी समूह का कुल पूंजीकरण 21.99 लाख करोड़ रुपये था जबकि टाटा की कंपनियों को पूंजीकरण 20.70 लाख करोड़ रुपये रहा। तीसरे नंबर पर मुकेश अंबानी की रिलायंस समूह थी, जिसका पूंजीकरण 17.22 लाख करोड़ रुपये है।
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