वाशिंगटन (washington)। अमेरिका (America) के पूर्व विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ (Former Secretary of State Mike Pompeo) ने दावा किया है कि विदेश नीति (foreign policy) पर एक स्वतंत्र रुख रखने वाले भारत (India) को चीन की आक्रामक कार्रवाइयों (China’s aggressive actions) के कारण अपनी रणनीतिक स्थिति बदलनी पड़ी। यही कारण है कि चार देशों के क्वाड समूह (quad group of four countries) में शामिल होने के भारत मजबूर हुआ।
उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में सीमा पर 31 महीने से अधिक समय से गतिरोध बना हुआ है। जून 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में घातक झड़प के बाद द्विपक्षीय संबंधों में गंभीर तनाव आ गया था।
भारत का कहना है कि चीन के साथ द्विपक्षीय संबंध तब तक सामान्य नहीं हो सकते जब तक सीमावर्ती क्षेत्र में शांति नहीं होगी। पोम्पिओ ने अपनी हालिया किताब ‘नेवर गिव एन इंच : फाइटिंग फॉर द अमेरिका आई लव’ में भारत को क्वाड में ‘वाइल्ड कार्ड’ करार दिया क्योंकि यह समाजवादी विचारधारा पर आधारित राष्ट्र था।
उनके अनुसार भारत ने शीत युद्ध के काल में न तो अमेरिका और न ही पूर्ववर्ती सोवियत संघ के साथ गठबंधन किया था। उन्होंने कहा, “ भारत ने हमेशा किसी गुट में शामिल हुए बिना अपना रास्ता तैयार किया है। लेकिन चीन की हरकतों ने पिछले कुछ वर्षों में भारत को अपनी रणनीतिक स्थिति बदलने के लिए प्रेरित किया है।
पोम्पिओ (57 वर्ष) के 2024 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में भाग लेने की अटकलें लगाई जा रही हैं। अपनी किताब में पोम्पियो ने बताया है कि कैसे डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन भारत को क्वाड समूह में लाने में सफल रहा। अमेरिका, जापान, भारत और ऑस्ट्रेलिया ने संसाधन संपन्न हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के आक्रामक व्यवहार का मुकाबला करने के लिए 2017 में क्वाड को आकार दिया था। इसका प्रस्ताव लंबे समय से लंबित था।
पोम्पियो ने लिखा है, “चीन ने पाकिस्तान के साथ करीबी साझेदारी की है जो उसके बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के पहले कदमों में से एक है।”
जून 2017 में चीनी सैनिकों ने सीमा पर झड़प में बीस भारतीय सैनिकों को मार डाला था। उस खूनी घटना ने भारतीय जनता को चीन के साथ अपने देश के संबंधों में बदलाव की मांग करने के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने कहा, ‘भारत ने अपनी प्रतिक्रिया के तहत टिकटॉक और दर्जनों चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया। उसके बाद के समय में एक चीनी वायरस के कारण सैकड़ों-हजारों भारतीय नागरिकों की मौत हुई। मुझसे कभी-कभी पूछा जाता था कि भारत चीन से दूर क्यों चला गया है और मेरा जवाब थो जो सीधे भारतीय नेतृत्व से आया था कि ‘क्या आप ऐसा नहीं करते?’
समय बदल रहा था और हमारे लिए कुछ नया करने की कोशिश करने और अमेरिका और भारत के बीच पहले से कहीं अधिक निकटता का संबंध बनाने के अवसर प्रदान कर रहा था।
पोम्पिओ ने अपनी पुस्तक में जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे को असाधारण साहस और दूरदृष्टि वाला वैश्विक नेता बताया है। आबे को उन्हें क्वाड का पिता माना जाता है जिन्होंने सीसीपी को खतरे के रूप में देखने में अपनी दूरदर्शिता का प्रदर्शन किया।
पोम्पेओ लिखते हैं शिंजो आबे ‘मुक्त और खुले हिंद-प्रशांत’ के विचार को भी गढ़ा जो एक ऐसी अवधारणा थी जिसने राजनयिक हलकों में स्थायित्व हासिल किया। पोम्पियो के अनुसार वर्ष 2022 में शिंजो आबे उत्कृष्ट नेता की हत्या दुनिया के लिए कितना बड़ा नुकसान था कि 2020 में इस उत्कृष्ट नेता की हत्या कर दी गई।
पोम्पिओ ने साहस दिखाने और चीनी आक्रामकता के खिलाफ खड़े होने के लिए ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन की भी प्रशंसा की। उन्होंने लिखा है कि क्वाड के जापानी और ऑस्ट्रेलियाई स्तंभ मजबूत थे और हमारे समर्थन से ये और मजबूत हो रहे थे।
चीन दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर दोनों में क्षेत्रीय विवादों में उलझा हुआ है। चीन पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपनी संप्रभुता का दावा करता है। वियतनाम, मलेशिया, फिलीपींस, ब्रुनेई और ताइवान के भी दावे हैं।
बीजिंग ने इस क्षेत्र में अपने नियंत्रण वाले कई द्वीपों और चट्टानों का निर्माण और सैन्यीकरण भी किया है। दोनों क्षेत्रों को खनिज, तेल और अन्य प्राकृतिक संसाधनों में समृद्ध बताया जाता है और ये वैश्विक व्यापार के लिए भी महत्वपूर्ण हैं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved