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    मीन राशि में जल्‍द अस्त होंगे देवगुरु बृहस्पति, इन राशियों की बढ़ेंगी मुश्किलें, जानें अपना हाल

  • January 25, 2023

    नई दिल्ली (New Delhi) । किसी भी ग्रह के अस्त या उदित होने से व्यक्ति के जीवन और देश-दुनिया (country-world) पर गहरा असर पड़ता है. गुरु बृहस्पति (guru jupiter) जिन्हें देवताओं का गुरु कहा जाता है. वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति सबसे अच्छी दृष्टि वाला ग्रह माना जाता है. पंडित अरुणेश कुमार शर्मा के मुताबिक, देवगुरु बृहस्पति 01 अप्रैल 2023 को शाम 07 बजकर 12 पर मीन राशि में अस्त होने जा रहे हैं. उसके बाद देवगुरु बृहस्पति मई के पहले सप्ताह में मेष राशि में उदित होंगे. बृहस्पति के अस्त होने से जिससे कुछ राशियों पर नकारात्मक प्रभाव (negative impact) पड़ेगा. वैदिक ज्योतिष के अनुसार, देवगुरु के अस्त होने से मांगलिक कार्यों पर भी रोक लग जाती है. आइए जानते हैं कि गुरु बृहस्पति के अस्त होने से किन जातकों को सावधान (Precaution) रहना होगा.


    1. मेष
    मेष राशि के जातकों के लिए बृहस्पति नौवें और बारहवें भाव का स्वामी है. इस राशि के जातकों को थोड़ा संभलकर रहने की सलाह दी गई है. इन जातकों को कार्यस्थल पर कड़ी मेहनत करने के बावजूद आपके और आपके वरिष्ठों के बीच कुछ समस्याएं पैदा हो सकती हैं. साथ ही आपको काम के सिलसिले से जबरन विदेश यात्रा पर भेजा जा सकता है. जिसके कारण आप थोड़ा असंतुष्टि का अनुभव करेंगे.

    2. वृष
    वृषभ राशि के जातकों के लिए बृहस्पति आठवें और ग्यारहवें भाव का स्वामी है. इस राशि के जातकों को अपने प्रयासों में बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है. पेशेवर रूप से कार्यस्थल का असंतोषजनक माहौल आपकी चिंता का कारण बन सकता है.

    3. मिथुन
    मिथुन राशि के जातकों के लिए बृहस्पति सातवें और दसवें भाव का स्वामी है. पेशेवर रूप से इस राशि के जातकों के लिए करियर में प्रगति संभव है. यदि आप साझेदारी में व्यापार कर रहे हैं तो इस अवधि में साझेदार के साथ संबंध में कुछ समस्याएं आ सकती हैं, जिसका असर आपके व्यापार पर भी पड़ेगा.

    4. कर्क
    कर्क राशि के जातकों के लिए बृहस्पति छठे और नौवें भाव का स्वामी है. इस अवधि में कर्क राशि वालों को कार्यों में कुछ बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है. आप छोटे कार्यों को पूरा करने में भी अधिक समय ले सकते हैं.

    5. सिंह
    सिंह राशि के जातकों के लिए बृहस्पति पांचवें और आठवें भाव का स्वामी है. इस राशि के जातकों के मित्रों व प्रियजनों के साथ संबंध खराब हो सकते हैं. साथ ही आपकी छवि पर भी नकारात्मक असर पड़ सकता है.

    6. कन्या
    कन्या राशि के जातकों के लिए बृहस्पति चौथे और सातवें भाव का स्वामी है. इस राशि के जातकों पर वरिष्ठों द्वारा काम का अधिक दबाव डाला जा सकता है. साथ ही नौकरी में बदलाव होने की भी संभावना अधिक है. यदि खुद का व्यवसाय चला रहे हैं तो इस अवधि में हानि होने की आशंका अधिक है.

    7. तुला
    तुला राशि के जातकों के लिए बृहस्पति तीसरे और छठे भाव का स्वामी है. इस दौरान कार्यस्थल पर काम के मामले में सहजता बनी रहेगी लेकिन वरिष्ठों के साथ आपके संबंध में कुछ समस्याएं आ सकती हैं और यह आपकी चिंता का मुख्य कारण होगा. खुद का व्यवसाय चला रहे हैं तो इस अवधि में आपको लाभ तो होगा लेकिन हो सकता है कि आपकी अपेक्षा से थोड़ा कम हो.

    8. वृश्चिक
    वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बृहस्पति दूसरे और पांचवें भाव का स्वामी है. इस दौरान आपको आर्थिक समस्याओं से भी गुज़रना पड़ सकता है. पेशेवर रूप से कार्यस्थल पर आपको कुछ समस्याएं जैसे कि आपके काम की सराहना न किया जाना, सहकर्मियों का अधिक सहयोग न मिलना आदि का सामना करना पड़ सकता है.

    9. धनु
    धनु राशि के जातकों के लिए बृहस्पति प्रथम/लग्न और चौथे भाव का स्वामी है. देवगुरु बृहस्पति के अस्त होने से आपको धीमी गति से परिणाम प्राप्त होंगे. नौकरी छूटने जैसी स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है. साथ ही किसी कारणवश मौजूदा कार्यस्थल पर आपकी प्रतिष्ठा प्रभावित हो सकती है.

    10. मकर
    मकर राशि के जातकों के लिए बृहस्पति तीसरे और बारहवें भाव का स्वामी है. इसके कारण आपके पारिवारिक जीवन में कुछ समस्याएं आ सकती हैं. आपको अपने वरिष्ठों के साथ संबंध में कुछ मतभेदों का सामना पड़ सकता है. हो सकता है कि नौकरी में आप जिस चीज़ की उम्मीद लगाए बैठे हों, वह आपको न मिले.

    11. कुंभ
    कुंभ राशि के जातकों के लिए बृहस्पति दूसरे और ग्यारहवें भाव का स्वामी है. इसके कारण आपको अपने जीवन में कुछ असफलताओं और अचानक बदलावों का सामना करना पड़ सकता है. इस दौरान आपके सामने कुछ ऐसी समस्याएं आ सकती हैं, जिसकी आपको उम्मीद भी नहीं होगी जैसे कि नई नौकरी में बदलाव हो सकता है.

    12. मीन
    मीन राशि के जातकों के लिए बृहस्पति प्रथम और दशम भाव का स्वामी है. इस दौरान काम के अत्याधिक दबाव के कारण आपको मानसिक तनाव हो सकता है. खुद का व्यवसाय चला रहे हैं तो इस दौरान आपको हानि की स्थिति से गुजरना पड़ सकता है. ऐसे में किसी नए व्यवसाय की शुरुआत करना एक गलत कदम साबित हो सकता है.

    नोट- उपरोक्‍त दी गई जानकारी व सुझाव सिर्फ सामान्‍य सूचना के उद्देश्‍य से पेश की गई है, हम इन पर किसी भी प्रकार का दावा नहीं करते हैं. इन्‍हें अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह जरूर ले.

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