इंदौर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हम आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को अपनी बहन बता रहे हैं, लेकिन उन्हीं बहनों के दु:ख-तकलीफ की उन्हें चिंता ही नहीं है। 15 सालों से नियमितीकरण और मासिक भत्ता बढ़ाने के लिए ज्ञापन पर ज्ञापन सौंपे, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही। पिछले तीन महीने से वेतन ही नहीं दिया गया है। सबसे ज्यादा काम, लेकिन सबसे कम वेतन क्यों।
यह कहना है, उन आंगनवाडी कार्यकर्ताओं का, जो जनगणना हो, कोविड के दौरान सर्वे करना हो, बच्चों को पोषण आहार देना हो, टीकाकरण हो, प्रसूताओं को पोषण और शिक्षा देना हो, चुनाव के दौरान मतदाताओं की जानकारी तैयार कर सूची बनाना हो, लगभग 12 विभाग के कामों में सबसे आगे खड़ी रहती हैं। कलेक्टर कार्यालय के बाहर अपनी मांगों को लेकर पांच दिवसीय हड़ताल पर बैठीं महिलाओं ने मुुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।
सालों बीत जाने के बावजूद भी अपनी मांगों की पूर्ति नहीं होने के कारण आंगनवाड़ी के काम बंद कर दिए हैं। न बच्चों को शिक्षा मिल रही है और न ही पोषण आहार दिया जा रहा है। अभी पांच दिन के लिए प्रतीकात्मक हड़ताल की जा रही है, लेकिन यदि पांच दिनों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को नियमित नहीं किया गया और 10 हजार से बढ़ाकर मानदेय 18 हजार रुपए नहीं किया गया तो अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी। 19 सूत्री मांगों को लेकर कलेक्टर कार्यालय के बाहर 400 से अधिक महिलाएं हड़ताल पर बैठी हैं।
भजन और कविताओं से कर रहे विरोध
हड़ताल पर बैठी महिलाएं जिस अंदाज मे आंगनवाडिय़ों में बच्चों को संभालती हैं, उसी अंदाज में उन्होंने कल विरोध प्रदर्शन किया। मामा शिवराजसिंह चौहान को अपने काम याद दिलाते हुए कविताओंं की प्रस्तुति दी, वहीं भोपाल शासन के कर्ताधर्ताओं की सद्बुद्धि के लिए अतरंगी भजन भी बनाकर लेकर आए। कई महिलाओं ने विरोध के स्वरों से सजाकर गीतों की प्रस्तुति भी दी।
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