फराज शेख, भोपाल
मप्र सरकार के मंत्रालय में कर्मचारियों को जान से मारने की धमकी देने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। कर्मचारी जीपी सिंह और टीपी पांडे की शिकायत पर सामान्य प्रशासन विभाग ने संज्ञान लेकर जांच कमेटी गठित की थी। जांच कमेटी प्रभारी आशीष कुमार आज अपर मुख्य सचिव जीएडी को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे। पीडि़त कर्मचारियों ने भोपाल के अरैरा हिल्स थाने में भी शिकायत की थी। थाने में शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया। पुलिस के आला अधिकारी मंत्रालय में कर्मचारियों को जान से मारने की धमकी देने संबंधी शिकायत की जानकारी होने से इंकार कर रहे हैं। सहकारिता विभाग के कर्मचारी गे्रड 2 टीपी पांडेय ने 27 दिसंबर को अरैरा हिल्स थाना समेत मुख्य सचिव, एसीएस जीएडी, मंत्रालय सुरक्षा अधिकारी को लिखित शिकायत में बताया कि लोक निर्माण विभाग के सहायक ग्रेड 3 सुधार नायक उन्हें कक्ष में आकर धमकी दी मेरे बारे में व्हाट्सअप पर लिखोगे तो व्हील चेयर पर मंंत्रालय आओगे। पांडेय ने जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया।
इसी तरह जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव के निज सचिव जीपी सिंह ने शिकायत में बताया कि सुधीर नायक ने उन्हें कर्मचारी सुभाष वर्मा के मार्फत जानमाल के नुकसान और उल्टी गिनती शुरू होने की धमकी दी। कर्मचारियों की शिकायत पर न तो पुलिस ने अभी तक कोईकार्रवाई की और न ही मंत्रालय सुरक्षा अधिकारी ने कोई कार्रवाई की। जीएडी के अपर मुख्य सचिव के निर्देश पर उप सचिव जीएडी माधवी नागेन्द्र ने पिछले हफ्ते 18 जनवरी को जल संसाधन विभाग के अपर सचिव आशीष सिंह (आईएएस)को जांच अधिकारी बनाकर 3 दिन में जांच मांगी है। जीएडी के निर्देश पर आशीष कुमार ने कर्मचारी नेता सुभाष वर्मा को नोटिस जारी कर 20 जनवरी उनके बयान ले लिए हैं। सूत्रों ने बताया कि वर्मा ने अपने बयान में जांच अधिकारी को बताया है कि शिकायत में जीपी सिंह ने जो आरोप लगाए हैं, वे सही हैं। उन्हें धमकी दी गई है। जांच अधिकारी ने अपना पक्ष रखने के लिए सुधीर नायक को भी बुलाया। मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि नायक ने अपना पक्ष रखने के लिए समय मांगा है। फिलहाल जांच अधिकारी ने समय नहीं दिया है।
राजनीतिक दखल शुरू
मंत्रालय में कर्मचारियों के विवाद को मंत्रालय सचिवालय संघ की आपसी लड़ाईसे जोड़कर बताया जा रहा है। बताया गया कि पिछले दिनों मंत्रालय सचिवालय संघ का पंजीयन निरस्त हो गया था। जिसको लेकर कर्मचारी संगठन सोशल मीडिया पर एक दूसरे को जिम्मेदारी बताकर रहे थे। कर्मचारी नेता सुधीर नायक लंबे समय तक सचिवालय संघ के अध्यक्ष रहे हैं। ऐसे में पंजीयन निरस्त होने के लिए उन्हें ही सोशल मीडिया पर जिम्मेदार ठहराया जा रहा था। कर्मचारी नेताओं के बीच की आपसी लड़ाई के पीछे की वजह यही बताई जा रही है।
थाना अरैरा हिल्स में इससे संबंधी कोई शिकायत अथवा सूचना फिलहाल नहीं मिली है। यदि शिकायत मिलती है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
राजेश सिंह भदौरिया, एडीसीपी, जोन-2 भोपाल
जीएडी का पत्र मिला है। इस मामले में वैधानिक कार्रवाई का अधिकार पुलिस थाने को है। हमने पुलिस को लिखा है। पुलिस थाने को ही इस मामले को गंभीरता से लेकर कार्रवाई करना चाहिए।
विनोद पांडेय, सुरक्षा अधिकारी,मंत्रालय
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