नई दिल्ली: हैदराबाद से रायपुर तक, कुछ भी ऐसा नहीं हुआ जिसकी उम्मीद नहीं थी. न्यूजीलैंड के खिलाफ रोहित शर्मा की कप्तानी वाली भारतीय टीम ने वनडे सीरीज में बिना किसी परेशानी के जीत हासिल की. पहले दो मैच जीतने के साथ ही सीरीज भारत के खाते में आ गई है और अब 24 जनवरी को इंदौर में तीसरा और आखिरी मैच खेला जाना है. सीरीज के नतीजे के लिहाज से इस मुकाबले की ज्यादा अहमियत नहीं हैं और ऐसे में कप्तान रोहित शर्मा और पूर्व कप्तान विराट कोहली के पास एक बेहतरीन मौका है, जो उन्हें पिछले एक दशक से लंबे करियर में कम ही मिल पाया. लेकिन सवाल ये है कि क्या वो इसका फायदा उठाना चाहेंगे?
भारत-न्यूजीलैंड वनडे सीरीज के बाद दोनों टीमें टी20 सीरीज खेलेंगी लेकिन इसमें विराट और रोहित जैसे खिलाड़ी हिस्सा नहीं लेंगे. ये अब संभवतया टी20 योजना का हिस्सा नहीं हैं. ऐसे में ये दोनों करीब दो हफ्ते तक मैदान में नहीं उतरेंगे. दोनों दिग्गज खिलाड़ी इसके बाद सीधे 9 फरवरी से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट मैच के लिए नागपुर के मैदान में कदम रखेंगे.
देनी होगी छोटी कुर्बानी
यही सीरीज वो वजह है जिसके कारण उनके पास एक शानदार मौका आय़ा है. बस उन्हें इसके लिए थोड़ी कुर्बानी देनी होगी. कुर्बानी- न्यूजीलैंड के खिलाफ कम अहमियत वाले आखिरी वनडे मैच को न खेलने की. कुर्बानी- अपने वक्त की. कुर्बानी- इंटरनेशनल रिकॉर्ड की टेंशन की, ताकि टीम इंडिया की खातिर वह खुद को अच्छे से तैयार कर सकें.
स्पिनरों के खिलाफ होगा अभ्यास
ये बात इसलिए कहनी पड़ रही है क्योंकि पिछले कुछ महीनों में भारत के ये शीर्ष बल्लेबाज तीनों फॉर्मेट में स्पिनरों के खिलाफ अच्छा नहीं कर सके हैं. विराट कोहली तो इस मामले में ज्यादा ही परेशान रहे हैं और बांग्लादेश दौरे के बाद न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में इसका नजारा दिखा.भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज स्पिनरों के दबदबे वाली होगी, ये तय है. ऑस्ट्रेलिया भी इसके लिए पूरी तैयारी करके आ रहा है.
दोनों के बीच भारत में पिछली सीरीज 2017 में हुई थी और वहां ऑस्ट्रेलिया के अनजान स्पिनर स्टीव ओ’कीफ के सामने भारतीय बल्लेबाजों ने पुणे में घुटने टेक दिए थे. ओ’कीफ तो इस बार नहीं हैं, लेकिन ऑस्ट्रेलिया 3-4 स्पिनरों के साथ भारत आ रहा है और ऐसे में टीम इंडिया के सभी बल्लेबाजों, खास तौर पर शीर्ष बल्लेबाजों को इसके लिए तैयार होना जरूरी है.
फिर नहीं मिलेगा ये मौका
बात सिर्फ स्पिनरों तक सीमित नहीं है, बल्कि लगातार सफेद गेंद की दो सीरीज के बाद लाल गेंद में वापसी करना इतना आसान नहीं होगा. खास तौर पर तब, जबकि दोनों दो हफ्तों तक कोई अन्य मैच नहीं खेलेंगे. भारत में इस वक्त रणजी ट्रॉफी सीजन चल रहा है और ऐसे में दोनों के पास मौका है कि 24 जनवरी को इंदौर में आखिरी वनडे को छोड़कर उसी दिन से शुरू हो रहे रणजी ट्रॉफी के मुकाबलों के लिए अपनी-अपनी घरेलू टीमों के लिए एक मैच खेलें. ये इसलिए भी आखिरी मौका हो सकता है क्योंकि ग्रुप राउंड में सभी टीमों के ये आखिरी मैच होंगे.
वैसे भी पहले से ही चेतेश्वर पुजारा सौराष्ट्र की अपनी टीम के लिए खेल रहे हैं. चोट से वापसी कर रहे रवींद्र जडेजा भी एक मुकाबला खेलने के लिए तैयार हैं. ऐसे में रोहित और कोहली भी अगर टेस्ट सीरीज से पहले एक मुकाबला खेल लें तो उनके पास अच्छी मैच प्रैक्टिस होगी.
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