इंदौर। शहर में आज देशभर से आए नगर नियोजकों और प्लानरों का जमावड़ा रहेगा। इंस्टीट्यूट ऑफ टाउन प्लानर्स इंडिया और एमपी रीजनल चैम्पर द्वारा एक दिवसीय सम्मेलन नगर नियोजन एवं विकास की पुर्नकल्पना पर आयोजित किया गया है। इंदौर सहित देशभर में ही नगर नियोजकों का टोटा है, जिसके परिणाम स्वरूप समय पर मास्टर प्लान कहीं के भी नहीं बन पाते हैं। इंदौर का ही प्रस्तावित मास्टर प्लान 2035 अभी तक तैयार नहीं हो पाया। अब मार्च में ड्राफ्ट प्लान प्रकाशन का लक्ष्य रखा गया है। जबकि वर्तमान में लागू मास्टर प्लान-2021 दिसम्बर को ही समाप्त हो गया है।
इंदौर सहित अधिकांश बड़े शहरों के मास्टर प्लान हमेशा ही विवादित रहे हैं, क्योंकि जमीनी जादूगरों के खेलों से लेकर ग्रीन बेल्ट, कृषि सहित अन्य उपयोगों की जमीनों को परिवर्तित करने में परेशानी आती है। इंदौर का मास्टर प्लान ही सालभर पहले समाप्त हो गया है और नया 2035 का प्लान इस साल भी लागू हो जाएगा इसमें संशय है, क्योंकि चुनावी आचार संहिता से लेकर अन्य दिक्कतें आएंगी। आज एक दिवसीय नगर नियोजकों का रखा गया है। इस आयोजन से जुड़ी और उपाध्यक्ष श्रीमती दीप्ति जय व्यास ने बताया कि होटल रेडीसन में यह आयोजन किया जा रहा है, जिसमें इंदौर सहित देशभर के नगर नियोजन से जुड़े विशेषज्ञ-अधिकारी मौजूद रहेंगे। वहीं दूसरी तरफ नगर नियोजन संस्थान के अध्यक्ष और केन्द्र के पूर्व मुख्य प्लानर डॉ. डीएस मेश्राम और महासचिव प्रदीप कपूर का भी कहना है कि अब स्मार्ट सिटी सहित मेट्रो और अन्य बड़े प्रोजेक्ट शहरों में आने लगे हैं।
वहीं लगातार आबादी का दबाव भी बढ़ रहा है, जिसके चलते शहरों की प्लानिंग नए सिरे से करने की जरूरत पड़ रही है, जिसके लिए नगर नियोजकों की संख्या बढ़ानी पड़ेगी। अभी एक लाख की जनसंख्या पर एक नगर नियोजक भी नहीं है। यही कारण है कि समय पर मास्टर प्लान तैयार नहीं हो पाते। यूके में एक लाख की जनसंख्या पर 38 नगर नियोजक रहते हैं। वहीं इंदौर क्षेत्रीय केन्द्र के सुभाशीष बनर्जी का कहना है कि अब इंदौर सहित प्रदेशभर में डिजीटल मास्टर प्लानिंग पर काम चल रहा है। इंदौर के मास्टर प्लान में भी मार्च तक ड्राफ्ट प्लान को तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। नीति आयोग की सिफारिश के मुताबिक भी 260 से अधिक पद मंजूर हैं, जिन पर नियुक्ति होना है। इंदौर जैसे बढ़ते शहर के लिए अब मेट्रो पोलीटन मास्टर प्लानर की जरूरत है, जिसकी मांग तमाम विशेषज्ञ और जनप्रतिनिधि भी करते रहे हैं। इंदौर का आगामी मास्टर प्लान बनाया जा रहा है, उसके चलते ही देवास, पीथमपुर, महू, उज्जैन सहित अन्य क्षेत्रों को उसमें शामिल करने की भी मांग की जाती रही है, क्योंकि भविष्य में मेट्रो प्रोजेक्ट भी आएगा। आज के सम्मेलन में इंदौर सहित पूरे प्रदेश के अलावा गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गोवा सहित अन्य राज्यों से भी नगर नियोजक पहुंचे हैं, जो कि शहरों की प्लानिंग और उसमें आने वाली कठिनाई, स्टाफ की कमी सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा करेंगे। इंदौर सहित मध्यप्रदेश में ही नगर तथा ग्राम निवेश विभाग का स्टाफ का भारी टोटा है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved