इंदौर। कल भोपाल में पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कांग्रेस के मोर्चा और विभाग के प्रदेशाध्यक्षों और प्रभारियों की बैठक ली। उन्होंने दो टूक कहा कि जो काम नहीं करते इस्तीफा दे दें, वहीं फर्जी पदाधिकारियों की लिस्ट को लेकर उन्होंने कहा कि जो काम करेगा, उसे ही तवज्जो मिलेगी।
विधानसभा चुनाव के पहले संगठन को सक्रिय करने के लिए कमलनाथ ने पहले सभी मोर्चा और विभागों की सर्जरी की है। इसके बाद कुछ नए और युवा चेहरों को भी मौका दिया गया, वहीं प्रभारी के रूप में वरिष्ठ नेताओं को मोर्चा में जवाबदारी दी गई। कल भोपाल में कमलनाथ ने पहली बैठक रखी। बैठक में शामिल हुए पदाधिकारियों के अनुसार कमलनाथ संगठन की मजबूती को लेकर सख्त दिखे। उन्होंने पदाधिकारियों से कहा कि आपको संगठन ने महत्वपूर्ण जवाबदारी दी है और चुनावी साल में आपको काम करके दिखाना है।
बैठक में वरिष्ठ पदाधिकारियों के अलावा इंदौर से पूर्व मंत्री सज्जनसिंह वर्मा, अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष शेख अलीम, कौमी एकता प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष सच सलूजा, नगरीय निकाय के प्रदेश अध्यक्ष अभय वर्मा और व्यापार प्रकोष्ठ के अजय चौरडिय़ा भी मौजूद थे। कमलनाथ ने सीधे कहा कि जो काम नहीं करना चाहते, वे इस्तीफा दे दें, ताकि दूसरों को मौका मिल सके। उन्होंने चेेतावनी देते हुए कहा कि सिर्फ लेटरहेड वाले लोग नहीं चलेंगे। जो काम करेगा, उसे तवज्जो मिलेगी। कुछ अध्यक्षों ने अपने-अपने क्षेत्र की समस्याएं भी बताईं। इस पर उन्होंने कहा कि वहां के प्रभारियों, जिला अध्यक्षों और विधायकों से समन्वय बनाकर काम करें और पार्टी के कार्यक्रमों को आगे बढ़ाएं। उन्होंने जो प्रकोष्ठ अच्छा काम कर रहे हैं, उनके अध्यक्षों की भी तारीफ की।
बड़ा सवाल…प्रभारी तक बने हैं निष्क्रिय तो अध्यक्ष कैसे हो सक्रिय…?
कमलनाथ ने मोर्चा और विभाग के लिए प्रभारियों की घोषणा की थी, लेकिन कई प्रभारियों ने अभी तक अपने प्रभार वाले प्रकोष्ठों की बैठक तक नहीं ली है, ऐसे में सवाल उठता है कि जब प्रभारी ही सुस्त हैं तो अध्यक्ष सक्रिय कैसे होंगे?
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