इस्लामाबाद (islamabad)। पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Prime Minister Shahbaz Sharif) की सरकार ने गुरुवार को लाहौर हाई कोर्ट (Lahore High Court) को बताया कि तोशखाना (राज्य डिपॉजिटरी) उपहारों का खुलासा करने से “अनावश्यक मीडिया प्रचार” हो सकता है और “अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को बनाए रखने में पाकिस्तान के हितों को नुकसान पहुंच सकता है।”
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (former prime minister imran khan) पर इस तरह के उपहारों को छिपाने का आरोप लगाने और चुनाव आयोग से इसकी शिकायत करने के महीनों बाद हाईकोर्ट में पलट गए हैं।
शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली पीएमएल (एन) गठबंधन सरकार ने तोशखाना उपहार रिकॉर्ड को सार्वजनिक करने की मांग वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की एकल पीठ के सामने अपनी रिपोर्ट में आपत्ति व्यक्त की है। यह याचिका पिछले महीने एक नागरिक मुनीर अहमद ने दायर की थी। अहमद की दलील थी कि आम आदमी को लोकतांत्रिक देश में सार्वजनिक पदाधिकारियों के बारे में इस तरह की जानकारी रखने का अधिकार है। इसलिए सार्वजनिक पदों पर बैठे लोगों को मिले उपहारों का विवरण भी सार्वजनिक किया जाना चाहिए।
तोशखाना, कैबिनेट डिवीजन द्वारा प्रशासित, एक भंडार है जो सार्वजनिक पदाधिकारियों द्वारा प्राप्त उपहारों को बनाए रखने, संरक्षित करने और संग्रहीत करने के लिए कार्य करता है। पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई प्रमुख इमरान खान पर अपने कार्यकाल के दौरान मिले उपहारों का विवरण छिपाने का आरोप लगने के बाद इस नीति ने मीडिया का ध्यान खींचा था।
हाई कोर्ट में गुरुवार को सरकार के तीन पन्नों के जवाब में कहा गया है: “प्रधान मंत्री कार्यालय ने दिनांक 26-11-2015 के अपने सर्कुलर में तोशखाना उपहारों से संबंधित जानकारी को गोपनीय रखा है क्योंकि इस तरह की जानकारी के प्रकटीकरण से अनावश्यक मीडिया प्रचार हो सकता है, जो अंतरराष्ट्रीय संबंधों के संचालन में पाकिस्तान के हितों के लिए संभावित रूप से हानिकारक हो सकता है।”
बता दें कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय का एक हफ्ते के अंदर यह दूसरा यू-टर्न है। इसी हफ्ते पाक प्रधानमंत्री ने पहले एक टीवी इंटरव्यू में भारत के साथ बातचीत के संकेत दिए फिर चंद घंटों के बाद पाकिस्तानी पीएमओ ने सफाई देते हुए कहा कि पीएम की बातों का गलत मतलब निकाला गया है। जब तक जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 और 35ए बहाल नहीं हो जाता पाकिस्तान भारत से बातचीत नहीं कर सकता।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved