भोपाल: दिल्ली की एक कोर्ट ने उर्वरक घोटाला मामले (fertilizer scam case) 685 करोड़ रुपए की रिश्वत देने के मामले में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी (Kamal Nath’s nephew Ratul Puri) को जमानत दे दी है. विशेष जज विकास धूल ने रतुल पुरी को 5 लाख रुपए के मुचलके पर जमानत (bail on bond) देने का आदेश दिया. बता दें कि कोर्ट ने इस मामले में एक सप्लीमेंट्री चार्जशीट (supplementary charge sheet) पर संज्ञान लेते हुए 23 दिसंबर को पुरी के खिलाफ समन जारी किया था. समन के बाद रतुल पुरी कोर्ट के समक्ष हाजिर हुए थे.
बुधवार को मामले पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि जांच के दौरान पुरी को गिरफ्तार नहीं किया गया, इसलिए इस चरण में उन्हें हिरासत में भेजने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा. वहीं कोर्ट में ईडी की ओर से पेश हुए स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर नीतेश राणा ने पुरी की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि रतुल पुरी के खिलाफ मुकदमा चलाने के पर्याप्त सबूत हैं. उन्होंने कहा कि यदि आरोपी को जमानत दी जाती है तो वह भाग सकता है और गवाहों को भी प्रभावित कर सकता है और सबूतों से छेड़छाड़ कर सकता है.
वहीं पुरी को समन जारी करते हुए न्यायाधीश ने कहा था कि प्रथम दृष्टया उन पर मुकदमा चलाने के पर्याप्त सबूत हैं. बता दें कि पुरी अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर घोटाले और मोजर बेयर घोटाले मामले में भी आरोपी हैं और फिलहाल जमानत पर बाहर हैं. ईडी के अनुसार,उर्वरक घोटाला मामला 2007-14 के दौरान इफको के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ यूएस अवस्थी के एनआरआई बेटों और इंडियन पोटाश लिमिटेड (आईपीएल) के प्रबंध निदेशक पी एस गहलोत और कुछ अन्य लोगों को विदेशी आपूर्तिकर्ताओं द्वारा कथित रूप से भुगतान किए गए 685 करोड़ रुपये से अधिक के अवैध कमीशन से संबंधित है. इस घोटाले से आरजेडी के राज्यसभा सांसद अमरेन्द्र धारी सिंह का भी नाम जुड़ा हुआ है.
बता दें कि इफको एक बहु-राज्य किसान सहकारी समिति है जबकि आईपीएल इसकी एक कंपनी है जो कि उर्वरकों की आपूर्ति करती है और सरकार इन उर्वरकों पर सब्सिडी प्रदान करती है. अवस्थी और इफ्को के कुछ अन्य लोगों पर आरोप है कि इन्होंने गैरकानूनी तरीके से संपत्ति अर्जित की और उसका एक हिस्सा अवस्थी और अन्य द्वारा नियंत्रित संस्थाओं को हस्तांतरित किया.
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