जबलपुर। शहरवासियों को स्मार्ट सिटी के तहत चमचमाती सड़कों का सपना दिखाया गया था। अंडर ग्राउंड ड्रेनेज, केबल डक्ट और जलापूर्ति लाइन और फु टपाथ के साथ सड़कों का निर्माण हुआ तो लोगों को उम्मीद जगी थी कि मजबूत और टिकाऊ सड़कों की सौगात मिलेगी। तकनीकी विशेषज्ञों के अनुसार कांक्रीटेड सड़क के निर्माण में लागत ज्यादा आती है। सीसी सड़क के निर्माण का उद्देश्य यह होता है कि टिकाऊ और मजबूत सड़क मिले। सामान्यत: सीसी सड़क 25 से 30 साल चलती है। हृदय स्थल गोलबाजार में 32 करोड़ की लागत से निर्माणधीन स्मार्ट सड़क से गिट्टी नजर आने लगी हैं। मुख्य सड़क समेत कनेक्टिंग सड़कों को मिलाकर तीन किमी लम्बी इस सड़क का निर्माण अभी पूरा भी नहीं हुआ है। इससे पहले ही सड़क से उभरती गिट्टी निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर रही है। निगम ने ब्लूम चौक से मालवीय चौक के बीच मॉडल रोड का निर्माण किया था। इस सड़क के निर्माण को दो दशक पूरे होने को हैं। सड़क पुरानी होने के साथ ही उसकी चमक बढ़ती जा रही हैए लेकिन गिट्टी नहीं उखड़ीं। कुछेक जगह पर हल्की टूट.फूट हुई। जिसमें पैंच वर्क कर सुधार कर लिया गया। मॉडल रोड के निर्माण के बाद निगम का लोक निर्माण विभाग सैकड़ों की संख्या में सड़कों का निर्माण कर चुका है। दूसरी किसी भी सड़क में ऐसी गुणवत्ता नहीं रही। सड़कों के निर्माण पर निगम हर पांच साल में बड़ी राशि खर्च कर रहा है। लेकिन बनने के कुछ ही समय बाद सड़क उखडऩे लगती है। इसके कारण एक ही सड़क का बार-बार निर्माण हो रहा है।
गोल बाजार स्मार्ट सड़क निर्माण में कुछ स्पॉट पर गुणवत्ता को लेकर ठेकेदार पर 15 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। सड़क का निर्माण पूरा होने पर वाइट टॉपिंग कराई जाएगी। इसके साथ ही जिन पैचेस में निर्माण की गुणवत्ता खराब पाई जाएगीए वहां पुनरू निर्माण कराया जाएगा। इसके साथ ही पांच साल तक सड़क में किसी प्रकार की समस्या आती हैए तो उसके मेंटेनेंस का दायित्व ठेकेदार का निर्धारित किया गया है।
रवि राव, प्रशासनिक अधिकारी, स्मार्ट सिटी
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