नई दिल्ली (New Delhi)। जब एक बच्चा पढ़-लिखकर बढ़ा हो जाता है और कमाने लगता है, तो घर वाले बच्चों की शादी के लिए रिश्ते देखने लग जाते हैं। हालांकि, कई मामलों में बच्चे खुद ही अपने पार्टनर को ढूंढ लेते हैं और लव मैरिज करते हैं। पर ये हम सभी जानते हैं कि आज भी ज्यादातर परिवार लव मैरिज के खिलाफ ही खड़े नजर आते हैं और वो भी खासतौर पर अंतरजातीय विवाह को लेकर। इसलिए सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाएं (Government and non-governmental organizations) समाज की इस सोच को बदलने के लिए कई तरह के कार्य कर रही है। जैसे- अंतरजातीय विवाह करने पर आर्थिक मदद का मिलना। जी हां, ऐसा होता है। तो चलिए जानते हैं कि आखिर ये योजना क्या है और इसमें कितना लाभ मिलता है।
क्या है योजना और लाभ?
दरअसल, इस योजना का नाम डॉक्टर अंबेडकर फाउंडेशन है। इस योजना के अंतर्गत अगर कोई कपल अंतरजातीय शादी करता है, तो उसके ढाई लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाती है।
शर्ते और पात्रता जान लीजिए:-
नंबर 1
अगर आप इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं, तो दूल्हा या दुल्हन में से कोई एक दलित समुदाय से बाहर का होना चाहिए और एक दलित समुदाय का होना चाहिए।
इसके अलावा शादी हिंदू मैरिज एक्ट 1995 के तहत रजिस्टर होनी चाहिए, जो एक हलफनामे के जरिए हो सकती है।
नंबर 2
ध्यान रहे कि शादी होने के एक साल के अंदर ही आपको आवेदन करना होता है, वरना बाद में लाभ नहीं मिलता।
आपको ढाई लाख की आर्थिक मदद तभी मिल सकती है, जब आपकी ये पहली शादी हो। दूसरी बार या इससे ज्यादा शादी करने वाले कपल को इसका लाभ नहीं मिलता है।
ऐसे कर सकते हैं आवेदन
अगर आपने अंतरजातीय विवाह किया है, तो आप डॉक्टर अंबेडकर फाउंडेशन के तहत आवेदन कर सकते हैं।
आप इस वेबसाइट ambedkarfoundation.nic.in के जरिए अधिक जानकारी लेकर आवेदन कर सकते हैं।
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