जोशीमठ (Joshimath) । उत्तराखंड सरकार (Uttarakhand Government) के जोशीमठ की इमारतों के ढहाने का कार्य शुरू हो गया है, हालांकि अपने मकान टूटते देख स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है (Resentment Among the Local People) । जोशीमठ के मल्हारी होटल के मालिक (Owner of Joshimath’s Malhari Hotel) सरकार के फैसले के विरोध में (Against the Government’s Decision) अपने परिजनों के साथ (With Their Family Members) धरने पर बैठ गए हैं (Have Sat on Strike) ।
बता दें कि उत्तरांखड के जोशीमठ में भू धंसाव के कारण दरारें आने और एक-दूसरे पर झुक जाने के कारण घर, होटल मालिकों और स्थानीय लोगों के विरोध के बीच होटल ध्वस्त होना शुरू हो गए है। साथ ही 773 घरों को भी खाली करा दिया गया है। प्रशासन द्वारा इन घरों को गिराने का काम चालू हो गया है। इस दौरान यहां के रहवासियों के अपने घरों को देखकर आंसू निकल रहे हैं।
वहीं भू धंसाव के दृष्टिगत असुरक्षित करार दिए गए दोनों होटलों को डिस्मेंटल की कार्रवाई भी प्रारंभ कर दी गयी है। इसके लिए पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल तैनात किया गया है। पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल परिक्षेत्र करन सिंह नगन्याल ने गत दिवस जोशीमठ में लगातार हो रहें भू-धंसाव वाले क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने पुलिस अधीक्षक चमोली से भू-धंसाव कारणों अब तक किए गए सुरकक्षात्मक कार्यों की विस्तृत जानकारी ली।
यहां बसाया जा सकता है नया जोशीमठ
जोशीमठ भू-धंसाव आपदा पीड़ितों को प्रदेश की पुष्कर सिंह धामी सरकार बड़ी राहत दे सकती है। आज यानि शुक्रवार को होने वाली विशेष कैबिनेट बैठक में जोशीमठ के भविष्य को लेकर रोडमैप जारी किया जाएगा। सरकार की कवायद नई टिहरी की तर्ज पर नया जोशीमठ बसाने की है।
जोशीमठ शहर के ठीक ऊपर कोटीबाग में उद्यान विभाग की करीब पांच हेक्टेयर भूमि है। इसी तरह मलारी रोड पर ढाक गांव में एनटीपीसी की भूमि मुहैया है। औली के समीप कोटी फार्म की भूमि के अलावा पीपलकोटी, गौचर, गैरसैंण तक सरकारी भूमि की तलाश की जा रही है। जोशीमठ में प्रभावित क्षेत्र के सभी मकानों का मेजरमेंट किया जा रहा है। इसके बाद पुनर्वास वाली जगह पर एक राय बनाई जाएगी।
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