इंदौर। 1873 में होलकर राजवंश द्वारा इंदौर से खंडवा के बीच एक करोड़ रुपए अंग्रेजी सरकार को लोन पर देकर चार सालों में बनवाई गई मीटर गेज रेल लाइन 1 फरवरी से पूरी तरह बंद हो जाएगी। रेलवे ने एक आदेश जारी करते हुए इस पर 1 फरवरी से महू से सनावद के बीच रेलों का संचालन पूरी तरह बंद करने की घोषणा की है। हालांकि इस मार्ग पर हेरिटेज ट्रेन महू से पातालपानी के बीच जारी रहेगी।
रेलवे विशेषज्ञ नागेश नामजोशी ने बताया कि रेलवे द्वारा 2008 के बजट में अजमेर से खंडवा के बीच ब्रांडगेज किए जाने की घोषणा की थी। तब से ही इस मार्ग पर ब्राडगेज किए जाने को लेकर अलग-अलग हिस्सों में काम किया जा रहा है। अब इसमें सिर्फ महू से सनावद के बीच का हिस्सा बाकी है, जिस पर सर्वे पूरा हो चुका है और जल्द ही औंकारेश्वर से बलवाड़ा के बीच ब्रांडगेज का काम भी शुरू होगा। वहीं महू से बलवाड़ा के बीच सर्वे पूरा हो चुका है और इस पर मंजूरी का इंतजार है। इस बीच कुछ समय पहले रेलवे द्वारा किए गए सर्वे के आधार पर महू से सनावद के बीच ब्राडगेज लाइन को 1 फरवरी से पूरी तरह से बंद करने का फैसला लिया गया गया है।
पातालपानी में बनेगा हेरिटेज ट्रेन के लिए मेंटेनेंस यार्ड – रेलवे ने कहा है कि इस दौरान महू से पातालपानी के बीच बने हेरिटेज ट्रैक को नहीं खत्म किया जाएगा और इस पर हेरिटेज ट्रेन का संचालन जारी रहेगा। इस ट्रेन के मेंटेनेंस के लिए पातालपानी में ही मेंटेनेंस यार्ड बनाया जाएगा।
150 साल पहले चार साल में शुरू हो गई थी ट्रेन, अभी 15 साल में सर्वे तक पूरा नहीं – नामजोशी ने बताया कि इंदौर से खंडवा रेल लाइन के लिए अब से 150 साल पहले 1873 में होलकर सरकार ने अंग्रेजी सरकार को चार प्रतिशत सालाना ब्याज पर एक करोड़ लोन दिया था। अंग्रेजी सरकार ने चार सालों में इसे तैयार करते हुए 1877 से इस पर माल गाड़ी और 1 जनवरी 1878 से यात्री गाड़ी शुरू कर दी थी। लेकिन अब इतने विकास और टेक्नोलॉजी के बाद भी सरकार 2008 के बजट में घोषित इस लाइन पर 15 सालों बाद भी सर्वे तक पूरा नहीं कर पाई है।
लंबा होगा रास्ता, लेकिन जुड़ जाएंगे उत्तर और दक्षिण – नामजोशी ने बताया कि इस इंदौर-सनवाद के बीच ब्राडगेज का काम पूरा होने पर इंदौर से साउथ की कनेक्टिविटी बहुत बेहतर हो जाएगी। इसके साथ ही उत्तर से दक्षिण को जोड़ने वाली ट्रेनें भी आसानी से इस मार्ग से कम दूरी में अपना सफर पूरा कर सकेंगी। हालांकि मीटर गेज के बजाए ब्राड गेज होने पर 54 किलोमीटर का इंदौर से सनावद की रेल दूरी 80 किलोमीटर से ज्यादा होने का अनुमान है।
इंदौर से बलवाड़ा के बीच कई अड़चनें बाकी – इंदौर से बलवाड़ा के बीच रेल लाइन का सर्वे तो पूरा हो चुका है, लेकिन इस पर रेल लाइन डालना बड़ी चुनौती की बात होगी। यहां की सबसे बड़ी अड़चन वन विभाग से लाइन के जमीन लेना और रेल लाइन के लिए जमीन पर लगे हजारों पेड़ों को काटने के लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय से अनुमति लेना है। इस मार्ग पर 11 टनल भी बनना है, जो चुनौतीपूर्ण काम होगा।
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