इंदौर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सुनने के लिए प्रवासियों के साथ-साथ इंदौरियों ने भी बड़ी संख्या में रजिस्ट्रेशन कराया था। इसलिए कई प्रवासियों को बाहर होना पड़ा और वे मोदी का साक्षात दीदार नहीं कर पाए। जो प्रवासी नाराज हुए थे, उन्हें दूसरे हॉल में वीडियो स्क्रीन के माध्यम से मोदी को सुनना और देखना पड़ा।
दरअसल प्रवासी भारतीय सम्मेलन की मेजबानी मध्यप्रदेश को मिली थी और पूरा आयोजन भारत सरकार के विदेश मंत्रालय का था। विदेश मंत्रालय ने ही कई महीनों से अपनी अधिकारिक वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन के लिए ओपन लिंक रखी थी, जिसमें शामिल होने के लिए कोई भी रजिस्ट्रेशन करा सकता था। यानि प्रवासी भारतीयों के साथ-साथ एक कैटेगरी इंडियन की भी थी, जिसमें तीन प्रकार के पैकेज रखे गए थे। चंूकि इंदौर में पहली बार प्रवासी भारतीय सम्मेलन का आयोजन हो रहा था और सरकार की तैयारियों को देखते हुए इसके भव्य रूप की संभावना थी, वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आने और उनका उद्बोधन सुनने तथा वीआईपी कल्चर को लेकर लोगों में क्रेज था, इसलिए इंडियन कैटेगरी में कई इंदौरियों और दूसरे शहरों के लोगों ने अपने रजिस्ट्रेशन करवाया।
इसलिए आयोजन के दूसरे दिन मोदी को सुनने आने वालों की भीड़ लगातार बढ़ती गई। हालांकि मंत्रालय और आयोजकों की ओर से पहले ही कहा गया था कि सुरक्षा कारणों के चलते सीमित संख्या में ही वहां प्रवेश दिया जाएगा। फिर भी एंट्री बंद होने के बाद भी लोग आते गए। इनमें से कई ऐसे प्रवासी थे, जिन्हें लगा था कि हमें अंदर प्रवेश मिल जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया और वे पुलिस-प्रशासन के सामने बिफर पड़े। हालांकि बाद में जब मोदी अंदर आ गए थे, तब एक-एक कर प्रवासी मेहमानों को प्रवेश दिया गया।
इन कैटेगरी में रखा था रजिस्ट्रेशन
इंदौर से ही रजिस्ट्रेशन करवाने वाले एक युवा ने बताया कि मैंने स्वयं विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर जाकर 5 हजार रुपए में रजिस्ट्रेशन करवाया, जिसमें उस दिन का लंच शामिल था, वहीं एक गिफ्ट हैंपर और बैग भी दिया गया था, जिसमें कई हैंडमेड चीजें भी थीं, साथ ही गुड़, आंवला केंडी भी शामिल थीं। इसके साथ ही एक साढ़े सात हजार रुपए के रजिस्ट्रेशन की कैटेगरी थी, जिसमें दो दिन कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति थी और 10 हजार के रजिस्ट्रेशन में 3 दिन कार्यक्रम में शामिल हो सकते थे, लेकिन अधिकांश रजिस्ट्रेशन 5 हजार की कैटेगरी में हुए। हालांकि विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर रजिस्टर्ड इंडियन का अधिकृत आंकड़ा सामने नहीं आया।
सुबह 8 बजे से आ गए थे लोग
प्रधानमंत्री मोदी के दीदार और उनको सुनने की जिज्ञासा इतनी अधिक थी कि रजिस्ट्रेशन करवाने वाले सुबह 8 बजे से कार्यक्रम स्थल पर पहुंचना शुरू हो गए थे। चूंकि उनके रजिस्ट्रेशन थे, इसलिए उन्हें सम्मान से कुर्सी पर बिठाया गया। इनके साथ प्रवासी भी बैठे, लेकिन 9 बजते-बजते ही कुर्सियां भर गईं और मोदी के आने के पहले लोगों को बाहर ही रोका जाने लगा। चूंकि सुबह से ही एसपीजी ने वहां व्यवस्था संभाल ली थी, इसलिए भी लोगों को असुविधा हुई।
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