इंदौर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कल आयोजन स्थल पर लगी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में प्रवासी भारतीयों के योगदान पर आधारित डिजीटल प्रदर्शनी का उद्घाटन किया और खुद भी फोटो खिंचवाए। लगभग 10 करोड़ रुपए की लागत से यह अनूठी प्रदर्शनी लगी है, जिसे कल दिनभर प्रवासियों के साथ-साथ स्थानीय अधिकारियों, मीडियाकर्मियों और अन्य प्रतिनिधि देखने पहुंचे। अब यह डिजीटल प्रदर्शनी स्थायी रूप से इंदौर में रहेगी। गांधी हॉल या राजवाड़ा में इसे स्थापित किया जाएगा। सांसद द्वारा इस संबंध में की गई मांग को विदेश मंत्री ने स्वीकार कर लिया है।
आयोजन स्थल पर वैसे तो एक विशाल प्रदर्शनी विभिन्न स्टॉलों की भी लगी है, जिसमें शासकीय विभागों से लेकर निजी बड़ी कम्पनियों के स्टॉल लगे हैं। इस प्रदर्शनी को भी देखने आयोजन स्थल पर मौजूद लोगों ने काफी रुचि दिखाई है। वहीं एक डिजीटल प्रदर्शनी का उद्घाटन कल मोदी जी ने किया और उसके बाहर ही ग्रुप फोटो भी उन्होंने डेलीगेट्स के साथ खिंचवाए। साथ ही डिजीटल प्रदर्शनी में भी मोदी जी के कई फोटो लिए गए। दरअसल इस डिजीटल प्रदर्शनी को अत्यंत ही सुरक्षा के घेरे में तैयार किया गया। उद्घाटन के पहले किसी को भी देखने की अनुमति नहीं दी गई।
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में जिन प्रवासियों का योगदान रहा उन पर आधारित यह डिजीटल प्रदर्शनी है, जिसमें महात्मा गांधी, विवेकानंद, सुभाषचंद बोस सहित तमाम क्रांतिकारियों की जीवन गाथा, उनके द्वारा लिखे गए पत्र सहित अन्य जानकारी सजोई गई है और महापुरुषों के डिजीटल चित्रों के सामने खड़े होकर कोई भी व्यक्ति फोटो खींचवा सकता है। इसका पूरा सेटअप ही डिजीटल तैयार किया गया है, जिसमें कैमरा खुद ही फोटो लेकर स्क्रीन पर दर्ज किए गए नाम और ईमेल पर भेज देता है। सांसद शंकर लालवानी ने इस डिजीटल प्रदर्शनी को इंदौर में ही रहने देने की पहल करते हुए पिछले दिनों विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर को पत्र भी लिखा, जिस पर विदेश मंत्री ने उनके प्रस्ताव की प्रशंसा करते हुए सम्मेलन के पश्चात इंदौर में ही डिजीटल प्रदर्शनी के मौजूद रहने की मंजूरी दे दी। उसके पहले भोपाल में इस प्रदर्शनी को ले जाए जाने की भी चर्चा थी, मगर अब विदेश मंत्री की सहमति के बाद गांधी हाल या राजवाड़ा पर स्थापित किया जा सकेगा।
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