1. जोशीमठ संकट को लेकर केंद्र अलर्ट, आपदा से निपटने के लिए सरकार ने बनाई विशेष योजना
उत्तराखंड (Uttarakhand) के जोशीमठ को भूस्खलन और भू-धंसाव क्षेत्र घोषित किए जाने के बाद राहत और बचाव की कोशिशें तेज कर दी गई हैं। इस आपदा पर खुद पीएम मोदी (PM Modi) ने कमान संभाल ली है। प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Pushkar Singh Dhami) से फोन पर बात की और निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का सुझाव दिया। उन्होंने सीएम धामी से जोशीमठ से उजड़ चुके लोगों के पुनर्वास के लिए अब तक उठाए गए कदमों की भी जानकारी ली। पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री को जरूरी मदद देने का भी भरोसा दिया। वहीं केंद्र सरकार (central government) ने रविवार को कहा कि तात्कालिक प्राथमिकता लोगों की सुरक्षा करना है। इसके बाद पीएमओ ने उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। पीएमओ ने बताया कि उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने जानकारी दी है कि केंद्रीय विशेषज्ञों के सहयोग से राज्य और जिले के अधिकारियों ने जमीनी स्तर पर स्थिति का आकलन किया है। आपदा में लगभग 350 मीटर चौड़ी भू-पट्टी प्रभावित हुई है। केंद्र सरकार की एजेंसियां और विशेषज्ञ भी जोशीमठ की स्थितियों से निपटने के लिए योजनाएं तैयार करने में उत्तराखंड सरकार की मदद कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी इस घटना को लेकर चिंतित हैं।
2. मूसेवाला हत्याकांड: जेल में आतंक मचा रहा आरोपी गैंगस्टर दीपक टीनू, 3 कैदियों के साथ की मारपीट
पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला (Punjabi singer Sidhu Musewala) की हत्या के मामले में आरोपी गैंगस्टर दीपक टीनू (Gangster Deepak Tinnu) पर जेल के 3 कैदियों और सुरक्षाकर्मियों के साथ मारपीट के आरोप लगे हैं। खबर है कि पंजाब (Punjab) के गोइंदवाला जेल में गैंगस्टर के हमले में घायल लोगों को तारन तरण शासकीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मूसेवाला हत्याकांड में टीनू की गिरफ्तारी बीते साल अक्टूबर में हुई थी। अक्टूबर में मानसा पुलिस की हिरासत से टीनू के फरार होने की मामले की जांच जारी है। पंजाब पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने टीनू और निलंबित पुलिस अधिकारी प्रीतपाल सिंह समेत 8 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। मूसेवाला हत्याकांड के 24 आरोपियों में से एक टीनू सब इंस्पेक्टर सिंह की कस्टडी से भाग गया था। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मानसा पुलिस की तरफ से खुलासा किया गया है कि सिंह, टीनू को अपनी निजी कार में 1 अक्टूबर को सरकारी आवास पर लेकर गया था, जहां से गैंगस्टर कुछ अन्य लोगों की मदद से भाग निकला। 1 अक्टूबर 2022 को सिंह टीनू से हत्याकांड को लेकर पूछताछ कर रहे थे। उसी दौरान गैंगस्टर हिरासत से भाग निकला था। हालांकि, 20 अक्टूबर को ही दिल्ली पुलिस ने उसे अजमेर से तीन और शूटर्स के साथ गिरफ्तार कर लिया था।
3. चंदा कोचर व दीपक कोचर के रिहाई के आदेश जारी, बॉम्बे हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला
आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन लोन फ्रॉड केस (ICICI Bank-Videocon loan fraud case) में बॉम्बे हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने चंदा कोचर (Chanda Kochar) व उनके पति दीपक कोचर को न्यायिक हिरासत से रिहा करने की अनुमति दे दी है। कोर्ट ने कहा है कि कोचर दंपती की गिरफ्तारी कानून के मुताबिक नहीं है। कोर्ट ने आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर और दीपक कोचर को एक-एक लाख रुपये की नकद जमानत पर रिहा करने की अनुमति दी। सीबीआई ने उनकी रिहाई का विरोध किया है। बता दें, आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन लोन फ्रॉड केस में सीबीआई ने कोचर दंपती को गिरफ्तार किया था। उसके बाद इसी मामले में वीडियोकॉन के प्रमोटर वेणुगोपाल धूत को भी गिरफ्तार किया था। तीनों फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। आरोपों के मुताबिक ICICI बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर ने बैंक के नियमों का उल्लंघन करते हुए वीडियोकॉन समूह को 3,250 करोड़ रुपये ऋण दिया था। धूत ने 2012 में आईसीआईसीआई बैंक से वीडियोकॉन समूह को ऋण मिलने के बाद कथित तौर पर न्यूपॉवर रिन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटेड (NRPL) में करोड़ों रुपये का निवेश किया।
4. कंझावला कांड के आरोपियों का अब तक का सबसे बड़ा कबूलनामा, जानिए कैसे हुआ था हादसा
दिल्ली के कंझावला कांड (Kanjhawala incident of the capital Delhi) मामले में लगातार नई नई जानकारी सामने आ रही है। निधि (Nidhi) की एंट्री ने मामले को और उलझाकर रख दिया है। नई जानकारी यह सामने आई है कि निधि (Nidhi) का कार कलक्शन (car collection) भी है और उस पर आगरा (Agara) में एक मामला भी दर्ज है और इतना ही नहीं घटना वाली 31 दिसंबर की रात उसका अंजलि से स्कूटी चलाने को लेकर नहीं बल्कि पैसे को लेकर झगड़ा हुआ था और आपस में खूब गाली गलौज हुई थी ! दूसरी ओर अब यह भी नई जानकारी मिल रही है कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में कबूल किया कि उन्हें पता था पीड़िता अंजलि उनकी कार के नीचे फंस गई है वो डर के चलते गाड़ी सड़क पर दौड़ाते रहे। इस दौरान कंझावला तक के रूट में उन्होंने कई बार गाड़ी यू टर्न की। आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उन्हें डर था कि लड़की को गाड़ी से निकाला तो हत्या का केस लग जाएगा और वो बुरे फंस जाएगे, क्योंकि ड्राइवर अमित के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था इसलिए एक्सीडेंट होने के बाद आरोपियों ने लड़की को कार के नीचे से निकालने की कोशिश नहीं की।
5. इंदौर स्वच्छता ही नहीं स्वाद की भी राजधानी- प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर (Brilliant Convention Centre, Indore) में 17वें प्रवासी भारतीय दिवस (Non-Resident Indian Day) सम्मेलन का शुभारंभ किया. सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी और गयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली कार्यक्रम में क्रमश: विशिष्ट और मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने स्वागत भाषण में सभी अतिथियों और प्रवासी भारतीयों का इंदौर आने के लिए आभार जताया और उनका स्वागत किया. मध्य प्रदेश के गर्वनर मंगूभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी भी कार्यक्रम में मौजूद रहे. यह कार्यक्रम 8 जनवरी को शुरू हुआ था, जो 10 जनवरी तक चलेगा, जिसमें करीब 70 देशों के 3500 से अधिक सदस्य शामिल हो रहे हैं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू कल इस कार्यक्रम के समापन समारोह में शामिल होंगी. इस दौरान वह विदेशों में अपने अपने क्षेत्र में विशिष्ट उपलब्धियां हासिल करने और अपनी अलग पहचान बनाने वाले प्रवासी भारतीयों को सम्मानित भी करेंगी.
6. यूनिफॉर्म सिविल कोड से जुड़ी याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज
इस वक्त सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से बड़ी खबर सामने आ रही है. शीर्ष अदालत ने यूनिफॉर्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) से जुड़ी एक याचिका को खारिज कर दी है. याची ने समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए गुजरात और उत्तराखंड में कमेटी गठित करने के फैसले को चुनौती दी थी. CJI जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि इसमें (समान नागरिक संहिता के लिए कमेटी गठित करना) गलत क्या है?
7. तमिलनाडु विधानसभा में पहली बार हुआ ऐसा! राज्यपाल ने छोड़ा सदन
तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (Dravida Munnetra Kazhagam) और राजभवन (Raj Bhavan) के बीच विवाद सोमवार को उस समय निचले स्तर पर पहुंच गया जब राज्यपाल आर. एन. रवि ने विधानसभा में सरकार द्वारा तैयार पारंपरिक अभिभाषण के कुछ हिस्सों को छोड़ दिया और मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने राज्यपाल द्वारा, अभिभाषण के मसौदे से अलग कही गई बातों को सदन की कार्यवाही से हटाने के संबंध में एक प्रस्ताव पेश किया. रवि के संबोधन के बाद स्टालिन ने राज्यपाल द्वारा, तैयार अभिभाषण के कुछ कुछ हिस्से को छोड़ देने पर खेद जताया. मुख्यमंत्री ने एक प्रस्ताव पारित किया, जिसे स्वीकृत कर लिया गया और रवि तुरंत सदन से बाहर चले गए, जो विधानसभा के इतिहास में संभवत: पहली बार हुआ है. राज्यपाल ने ‘द्रविड़ियन मॉडल’ जैसे कुछ शब्दों को अपने अभिभाषण में छोड़ दिया था और उन्होंने कुछ पहलुओं पर अपने विचार भी रखे. साल के पहले विधानसभा सत्र के शुरू होने पर रवि ने सत्तारूढ़ द्रमुक और उसके सहयोगी दलों के विधायकों की नारेबाजी के बीच अपना अभिभाषण शुरू किया.
8. साल 2022 में NIA की ताबड़तोड़ कार्रवाई, 73 मामले किए दर्ज; 456 लोगों को किया गिरफ्तार
राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए (NIA) ने साल 2022 में कई बड़े अभियान चलाकर जिहादियों की कमर तोड़ दी. इस अवधि में एनआईए ने विशेष अभियानों में 456 की गिरफ्तारी के साथ, 109 खतरनाक मुजरिमों को सजा भी दिलाई है. इस एक साल के समय में एजेंसी ने देश के अलग अलग हिस्सों में दर्ज कुल 73 मुकदमें में से 35 मुकदमे तो सिर्फ और सिर्फ जिहादी आतंकवाद से ही जुड़े पाए. हालांकि यह संख्या साल 2021 में 61 थी, जो इस बार (साल 2022 में) बढ़कर 73 सामने आई है. दर्ज मुकदमों की यह संख्या 2021 की तुलना में 2022 में 19.67 अधिक रही. मतलब एनआईए द्वारा बीते कई साल में एक वर्ष के भीतर दर्ज मुकदमों की यह संख्या (साल 2022 में 73) सर्वाधिक कही जा सकती है. एजेंसी के आंकड़ों के अनुसार जिहादी आतंकवाद के खिलाफ जो 35 मुकदमे देश में अलग अलग दर्ज किए गए. वो कुल 12 राज्यों में दर्ज हुए थे. बात अगर साल 2022 में ऐसे कुल दर्ज मुकदमों की करें तो यह मुकदमे देश के जम्मू कश्मीर, आसाम, बिहार, दिल्ली, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, केरल, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल राज्य में दर्ज हुए. जम्मू कश्मीर में 11 मुकदमे, वामपंथी उग्रवाद के 10 मुकदमे, पूर्वोत्तर के 5 मुकदमे, पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) से संबंधित 7 मुकदमे, पंजाब के 4 मुकदमे, गैंगस्टर, आतंकवादी, ड्रग तस्कर सांठगांठ के 3 मुकदमे, टेरर फंडिंग का 1 मुकदमा और जाली नोट से जुड़े 2 मामले शामिल हैं.
9. पंजाब में सेना के अफसर ने पत्नी को मार दी गोली, खुद भी किया सुसाइड
पंजाब में सेना के एक लेफ्टिनेंट कर्नल (lieutenant colonel) ने रविवार रात को पत्नी की हत्या कर खुद को गोली मार ली. सेना के सूत्रों ने अनुसार अधिकारी पंजाब के फिरोजपुर में रह रहे थे. जानकारी के अनुसार उन्होंने एक सुसाइड नोट छोड़ा, जहां उसने अपनी पत्नी पर हमला करने की बात कबूली.पत्नी अपने आवास पर मृत पाई गई.सैन्य अधिकारियों के अनुसार, दोनों की वैवाहिक कलह को लेकर नियमित काउंसिलिंग चल रही थी. सेना और पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए बताया है कि सैन्य अधिकारी ने रविवार रात करीब 9 बजे के पास पत्नी के सिर में गोली मार दी. उसके बाद वो यूनिट के क्वार्टर गार्ड के पास गया, वहां एक मंदिर में प्रार्थना की और खुद को भी सिर में गोली मार ली.मामले की जानकारी होने पर जब सेना के अधिकारियों ने आरोपी अधिकारी के घर परसंपर्क करने की कोशिश की, तो किसी ने भी फोन का जवाब नहीं दिया, जिससे वे उसके घर गए और पाया कि वह मृत पड़ी है.
10. ईरान में हड़ताल करने वालों को 10 साल तक की सजा, प्रदर्शनकारियों में ऐसे डर पैदा कर रही सरकार
ईरान में हिजाब (hijab in iran) पहनने के खिलाफ चल रहे देशव्यापी विरोध प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. ईरान सरकार किसी भी कीमत पर इन प्रदर्शनों को खत्म करवाना चाहती है. इसके लिए अब वो प्रदर्शकारियों में डर पैदा करने में जुट गई है. यही वजह है कि अब उन लोगों को 10 साल तक की सजा सुनाई गई है जिन्होंने इस प्रदर्शन के समर्थन में स्ट्राइक बुलाई थी. ईरान की न्यायपालिका ने रविवार को घोषणा की है कि सरकार के खिलाफ चल रहे देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों के समर्थन में हड़ताल का आह्वान करने के लिए चार लोगों को 10 साल तक की जेल की सजा सुनाई गई है. यह पहली बार है जब न्यायपालिका ने स्ट्राइक जैसे किसी कदम के लिए जेल की सजा की घोषणा की है. पिछले महीने की शुरुआत में कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया के जरिए प्रदर्शनकारियों के समर्थन में तीन दिन की देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया था. न्यायपालिका की मिजान ऑनलाइन समाचार वेबसाइट ने कहा कि चारों को एक से 10 साल के बीच की जेल हुई है. उनकी पहचान नहीं हुई और वे अब भी अपील कर सकते हैं. ईरान के दक्षिणी प्रांत होर्मोज़गन के लिए न्यायपालिका के प्रमुख मोज्तबा घहरामनी ने मिज़ान को बताया कि चारों को मुख्य रूप से ड्राइवर को हड़ताल करने के लिए उकसाने और बर्बरता के लिए सजा सुनाई गई.
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