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    बुजुर्ग के साथ धोखाधड़ी मामले में एसपी ने लिया संज्ञान

  • January 09, 2023

    • एसपी ने सीएसपी गोहलपुर को सौंपी जांच, उप निरीक्षक की भी भूमिका हुई संदिग्ध

    जबलपुर। अग्निबाण द्वारा पिछले देना 67 वर्षीय बुजुर्ग रविंद्र पांडे की जमीन पर बाप-बेटों द्वारा फर्जी तरीके से जालसाजी पूर्वक प्रापर्टी खरीदने के नाम पर अनुबंध कर चैक देने और प्रापटी विक्रय करने का अधिकार देने के लिए पॉवर ऑफ अर्टानी अपने नाम पर लिखवा लेने और बैंक चोरी कर उसे अपने बैंक खाते में जमा कर बैंक खाता बंद करवा लेने एवं शिकायत करने पर पुलिस स्टेशन पनागर के विवेचना अधिकारी उप निरीक्षक अनंत दुबे के द्वारा आवेदक को ही झूठे प्रकरण में फंसाने का मामला प्रकाशित किया था जिसके बाद पीडि़त बुजुर्ग ने एस पी से मामले में न्याय की गुहार लगाई थी। मामले को गंभीरता पूर्वक लेते हुए पुलिस अधीक्षक ने मामले की जांच सीएसपी गोहलपुर को सौंपी है।

    पीडि़त बुजुर्ग के हुए बयान
    बुजुर्ग द्वारा 2 दिन पूर्व भी मामले को लेकर गोहद और सीएसपी के समक्ष पहुंचकर बयान दर्ज करवाए जिसमें कि बुजुर्ग ने बताया कि विगत तीन वर्ष पूर्व मेरी पत्नि का बीमारी के चलते निधन हो चुका है और मेरा भी स्वास्थ्य अच्छा नहीं रहता है और मुझे भी अपने इलाज के लिए शहर से बाहर आना जाना पड़ता है। मेरे नाम पर ग्राम कंदराखेड़ा, प.. 58 शनि में पनागर, तह पनागर जिला जबलपुर स्थित भूमि जिसका न 1981 कुल रकवा 0.349 है. व ख.नं. 193/3 रकवा 0.1430 हे. एवं ख. 192/11 का भाग रकवा 0.440 है में से रकवा 0.230 है. इस तरह कुल रकवा 0.719 हैं। मैंने अपने परिचित दिलीप तिवारी से कहा था कि मेरी उक्त जमीन बिकवा दो जिस पर उन्होंने मुझसे कहा कि वे अपने रिश्तेदार प्रतीक शुक्ला एवं उसके पिता दिनेश शुक्ला से कहकर आपकी जमीन बिकवा दी और फिर घर पर आकर बात करने और जमीन दिखवाने के बाद पूरी जमीन 475/- रुपये वर्गफुट के हिसाब से कुल कीमत तीन करोड़ नवासी लाख पचास हजार रूपये में बेचने की बात तय हुई और प्रतीक शुक्ला के द्वारा बयाने के रूप में 10,00,000/- रूपये आर.टी.जी.एस. के माध्यम से मुझे दिये गये थे और फिर मेरा स्वास्थ्य खराब हो जाने पर जब मैं अपनी एन्जीयो प्लास्टी करवाकर वापस लौटा तब दिनॉक 22/10/2021 को प्रतीक शुक्ला एवं दिलीप तिवारी मेरे घर पर आये और अपनी कार में बैठाकर मुझे बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा विजयनगर जबलपुर ले गये और वहाँ – जबलपुर प्रतीक शुक्ला ने मुझे दो चैक जिसमें से एक पन्द्रह लाख रूपये एवं दस लाख रूपये का था ।


    मेरे नाम से सेल्फ का चैक दिये और मुझसे हस्ताक्षर करवाकर स्वयं बैंक से राशि निकाल ली और कार में ही लाकर मुझे दिये और तुरंत ही दिलीप तिवारी ने मुझसे पाँच लाख रुपये ले लिये और कहा कि मुझे रुपयों की जरूरत है और तुम्ही पैसे मैंने ही दिलाये है और फिर उसके बाद प्रतीक शुक्ला दिनेश शुक्ला एवं दिलीप तिवारी दूसरे ही दिन मेरे घर पर आये और कहा कि जितने में अपना सौदा तय हुआ है उसमें से पैत्तीस लाख रुपये काटकर शेष राशि का चैक ले लो और हमसे एग्रीमेंट कर लो और उन्होंने एक टाइप शुदा एग्रीमेंट की कॉपी दिखायी जिसके अनुसार पूर्व में दी गई राशि काटकर शेष राशि के एवज में एक-एक करोड़ के तीन चैक देने की बात कहीथा और उन्होंने मुझे आश्वासन दिया था कि हर 06 माह में मुझे एक करोड़ रूपये का भुगतान प्राप्त हो जायेगा तब मैंने उक्त एग्रीमेंट देखते हुए अपनी सहमति दे दी थीं और ये सारे चैक मुझे दे दिये थे और मैंने उस एग्रीमेंट पर अपने हस्ताक्षर कर दिये थे। कुछ समय के बाद मुझे पता चला कि प्रतीक शुक्ला के द्वारा मेरी जमीन की रजिस्ट्रियों लोगों से रूपये लेकर उनके नाम पर करना शुरू कर दी है जबकि मेरे नाम पर जो चैक कुल राशि 3,30,75,000/- अंकन तीन करोड़ तीस लाख पचछत्तर हजार रूपये का दिया था उनका भुगतान बैंक से मुझे प्राप्त ही नहीं हुआ था।

    जांच के घेरे में उपनिरीक्षक
    एक तरफ जहां पिता पुत्र ने मिलकर बुजुर्ग के साथ 420 कर लिया वहीं दूसरी तरफ पनागर थाने में बुजुर्ग के ही खिलाफ उप निरीक्षक को सेट करके मामला दर्ज करवा दिया अब मामला खत्म करने के नाम पर बुजुर्गों को बार-बार धमकी दे रहे हैं कि अगर राजीनामा नहीं किया तो वह फिर से बुजुर्ग को झूठे मामले में फंसा देंगे। जिस प्रकार से उप निरीक्षक द्वारा एक बुजुर्ग की वेदना को दरकिनार करते हुए उल्टा 420 के ठगी के पूर्व आरोपियों की ही शिकायत पर बुजुर्ग पर मामला बना दिया है वह उपनिरीक्षक नंदन दुबे की भूमिका पर भी सवाल उठाता है।

    67 वर्षीय बुजुर्ग रविंद्र पांडे की शिकायत पर जांच प्रारंभ कर दी गई है शिकायतकर्ता के बयान दर्ज हो गए हैं प्रारंभिक जांच में शिकायत सही दिख रही है ?आगे की जानकारी जांच करने के उपरांत ही दी जावेगी।
    अखिलेश गौर, सीएसपी गोहलपुर

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