देहरादून । उत्तराखंड (Uttarakhand) के जोशीमठ में (In Joshimath) जमीन धंसने से (Due to Land Subsidence) अब तक 600 से ज्यादा घर प्रभावित हुए (More than 600 Houses Affected so far)। जोशीमठ पर पीएमओ (PMO) ने रविवार को हाई लेवल मीटिंग (High Level Meeting) बुलाई (Convenes) । लगातार हो रहे भू-धंसाव को देखते हुए जिला प्रशासन ने प्रभावित परिवारों के लिए व्यवस्था की है। घरों और सड़कों में बड़ी दरारें दिखने के बाद अब तक कुल 66 परिवार जोशीमठ से पलायन कर चुके हैं।
पीएम के प्रधान सचिव डॉ. पीके मिश्रा रविवार को पीएमओ में कैबिनेट सचिव और भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्यों के साथ उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की । जोशीमठ के जिला पदाधिकारी और उत्तराखंड के वरिष्ठ अधिकारी भी इस मुद्दे पर वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से मौजूद रहे ।
हिंदू मठों में से एक ज्योतिर्मठ क्षेत्र में स्थित शंकराचार्य मठ में भी कई जगहों पर दरारें आ गई हैं, जिससे धार्मिक संस्थान में दहशत फैल गई है। ज्योतिर्मठ प्रशासन के मुताबिक पिछले 15 दिनों में ये दरारें बढ़ी हैं। मठ के प्रमुख स्वामी विश्वप्रियानंद ने डेवलेपमेंट प्रोजेक्ट्स को आपदा का कारण बताया है। ज्योतिर्मठ प्रशासन ने कहा, “हमारे मठ की इमारत में दरारें आ गई हैं। विकास अब विनाश का कारण बन गया है क्योंकि हाइड्रोइलेक्ट्रिक परियोजनाओं, सुरंगों ने हमारे शहर को प्रभावित किया है।”
जिला प्रशासन ने प्राकृतिक आपदा से प्रभावित परिवारों के लिए सुरक्षित राहत शिविरों में रहने की व्यवस्था की है। जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने शनिवार रात राहत शिविरों का दौरा किया और व्यवस्थाओं का जायजा लिया। दरारों को देखते हुए जोशीमठ में अगले आदेश तक निर्माण कार्य पर रोक लगा दी गयी है। एनटीपीसी की परियोजना पर भी रोक लगा दी गयी है। एनटीपीसी के तपोवन प्रोजेक्ट पर रोक लगा दी गयी है। जिला प्रशासन ने सीमा सड़क संगठन द्वारा हेलंग बाईपास के निर्माण, तपोवन-विष्णुगढ़ जल विद्युत परियोजना के काम पर रोग लगा दी है। इसके साथ ही नगर पालिका द्वारा किए जाने वाले अन्य निर्माण कार्यों पर भी प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक रोक लगाई है।
शनिवार को हालात का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जोशीमठ पहुंचे थे। उन्होंने यहां कई जगहों का दौरा किया। राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री राहत कोष से 1 करोड़ रुपये भी मंजूर किए, जिसका इस्तेमाल मुख्य रूप से प्रभावित परिवारों को किराया देने में मदद के लिए किया जाएगा। उत्तराखंड सीएमओ की तरफ से हर प्रभावित परिवार को अगले 6 महीने तक 4000 रुपये महीने की मदद देने का ऐलान किया गया। यह आर्थिक मदद लोगों को हाउस रेंट के लिए दी जाएगी।
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