नई दिल्ली: आम बजट से पहले सभी राज्यों के मुख्य सचिवों का तीन दिन का राष्ट्रीय सम्मेलन शुरू हो चुका है, जिसमें अर्थव्यवस्था के अलावा नौकरियों और समावेशी मानव विकास पर विचार-विमर्श किया जाएगा. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज और शनिवार को बैठक की अध्यक्षता करेंगे. सम्मेलन के पहले दिन विकसित भारत: अंतिम छोर तक पहुंच विषय पर एक सत्र आयोजित किया गया. नीति आयोग की उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने दिन में एक प्रस्तुति भी दी. सम्मेलन में केंद्र सरकार, राज्यों के मुख्य सचिव व अन्य वरिष्ठ अधिकारी और विषयगत विशेषज्ञों को मिलाकर 200 से अधिक लोग हिस्सा ले रहे हैं.
सम्मेलन मोटे तौर पर दो विषयों पर आधारित है, जिसमें अर्थव्यवस्था और नौकरियां व समावेशी मानव विकास शामिल है. मुख्य सचिवों का इस तरह का पहला सम्मेलन जून, 2022 को धर्मशाला में आयोजित किया गया था. इस साल आयोजित तीन दिन के सम्मेलन का केंद्रीय विषय राज्यों की साझेदारी के साथ तेज और सतत आर्थिक वृद्धि हासिल करना है. पीएमओ के मुताबिक, यह सम्मेलन विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये सहयोगात्मक कार्यवाही की भूमिका तैयार करेगा, जिसमें रोजगार सृजन तथा समावेशी मानव विकास की वृद्धि पर जोर दिया जाएगा.
सम्मेलन का एजेंडा पिछले तीन महीनों में मुख्य मंत्रालयों, नीति आयोग, राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों और विषयगत विशेषज्ञों के साथ 150 से अधिक प्रत्यक्ष व वर्चुअल बैठकों में गहन चर्चा के बाद निर्धारित किया गया है. सम्मेलन के दौरान चर्चा के लिए छह विषयों को चिह्नित किया गया है. इनमें एमएसएमई को गति देना, अवसंचरना और निवेश, अनुपालन को न्यूनतम करना, महिलाओं का सशक्तीकरण, स्वास्थ्य व पोषण और कौशल विकास शामिल हैं.
इन विशेष सत्रों का भी होगा आयोजन
तीन विशेष सत्रों का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें विकसित भारतः अंतिम पड़ाव तक पहुंचना, वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) के पांच वर्ष-सीख और अनुभव, वैश्विक भू-राजनीतिक चुनौतियां और भारत की प्रतिक्रिया शामिल हैं. इनके अलावा चार विषयों पर भी चर्चा की जाएगी, जिसमें वोकल फॉर लोकल, अंतरराष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष, जी-20: राज्यों की भूमिका और उदीयमान प्रौद्योगिकियां शामिल हैं. हर विषय पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के उत्कृष्ट व्यवहारों को भी प्रस्तुत किया जाएगा, ताकि वे एक-दूसरे से सीख सकें.
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