नई दिल्ली (New Delhi)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) (Bharatiya Janata Party (BJP)) अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) की विभिन्न स्तरों पर चल रही तैयारियों के तहत कुछ राज्यों के संगठन में भी बदलाव (some states organization changes) कर सकती है। इसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) से आए संगठन मंत्रियों की अहम भूमिका रहेगी। आरएसएस की गोवा में अपने पदाधिकारियों और भाजपा समेत विभिन्न आनुषंगिक संगठनों के प्रमुख पदाधिकारियों की बैठक के बाद पार्टी की भावी रणनीति सामने आ सकती है।
संगठन कामकाज में अब पूरी तरह से लोकसभा चुनावों की तैयारी सबसे ऊपर है। पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की 16-17 जनवरी को होने वाली बैठक भी इससे जुड़े मुद्दों पर केंद्रित रहेगी। इसमें अध्यक्ष का कार्यकाल का विस्तार समेत विभिन्न प्रदेशों की रिपोर्ट में भावी तैयारियों की रिपोर्ट ली जाएगी। इसके पहले संघ की गोवा समन्वय बैठक भी अहम हो गई है। दरअसल, भाजपा के संगठनात्मक ढांचे में सबसे अहम भूमिका संगठन मंत्रियों की होती है, जो संघ से भाजपा में आकर काम कर रहे होते हैं।
वोट प्रतिशत बढ़ाने पर काफी जोर
भाजपा में मिशन 2024 के लिए अपना वोट प्रतिशत बढ़ाने पर काफी जोर दिया जा रहा है। जिन राज्यों में पिछले चुनाव में भी पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन किया था वहां पार्टी अपनी ताकत को और ज्यादा बढ़ाने की कोशिश करेगी। इसमें सीटों के साथ वोट फीसदी बढ़ाना मुख्य है। जिससे कि किसी भी तरह की विपक्षी चुनौती से निपटा जा सके। पार्टी अपनी कमजोर सीटों पर अलग से अभियान चला रही है। इसके अलावा वह मूल संगठन से इतर विस्तारकों के जरिए अपनी पहुंच और ताकत को और ज्यादा मजबूत करने की कोशिश में है।
फरवरी तक हो जाएंगे बदलाव
सूत्रों के अनुसार, पार्टी विभिन्न राज्यों के संगठन को चाक-चौबंद करने जा रही है। जिन राज्यों में हाल में बदलाव हुए हैं, वहां पर बड़े उलटफेर नहीं होंगे, लेकिन जहां पर स्थितियां बदलाव की जरूरत को महसूस कर रही हैं, वहां पर फरवरी तक इन पर अमल कर लेगी। राष्ट्रीय अध्यक्ष के कार्यकाल विस्तार के बाद इस दिशा में कुछ फैसले सामने आ सकते हैं। राज्यों के प्रभारियों में भी बदलाव होने की संभावना है। कुछ नए लोगों को जोड़ने के साथ कुछ के दायित्व में बदलाव हो सकते हैं।
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