नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भारतीय विज्ञान कांग्रेस को संबोधित किया। उन्होंने कहा, भारत अगले 25 वर्षों में जिस ऊंचाई पर होगा, उसमें भारत की वैज्ञानिक शक्ति की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होगी। उन्होंने कहा, साइंस में पैशन के साथ जब देश की सेवा का संकल्प जुड़ जाता है तो नतीजे भी अभूतपूर्व आते हैं। आज का भारत जिस साइंटिफिक अप्रोच के साथ आगे बढ़ रहा है, हम उसके नतीजे भी देख रहे हैं। साइंस के क्षेत्र में भारत तेजी से विश्व के टॉप देशों में शामिल हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा, इस बार भारतीय विज्ञान कांग्रेस की थीम भी एक ऐसा विषय है जिसकी दुनिया में सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है। दुनिया का भविष्य सस्टेनेबल डेवलमेंट के साथ ही सुरक्षित है। आपने सस्टेनेबल डेवलमेंट के विषय को महिला सशक्तिकरण के साथ जोड़ा है। आज देश की सोच केवल यह नहीं है कि साइंस के ज़रिए महिला सशक्तिकरण हो, बल्कि महिलाओं की भागीदारी से साइंस का भी सशक्तिकरण करें। साइंस और रिसर्च को नई गति दें, यह हमारा लक्ष्य है। उन्होंने कहा, अभी भारत को G-20 अध्यक्षता की जिम्मेदारी मिली है। G-20 के प्रमुख विषयों में भी वुमन लीड डेवलपमेंट एक बड़ी प्राथमिकता का विषय है।
आठ सालों में देश ने किए असाधारण काम
पीएम मोदी ने कहा, बीते आठ वर्षों में भारत ने गवर्नेंस से लेकर समाज और अर्थव्यवस्था तक कई ऐसे असाधारण काम किए हैं, जिनकी आज चर्चा हो रही है। पिछले आठ वर्षों में एक्सट्रा मोरल रिसर्च एंड डेवलपमेंट में महिलाओं की भागीदारी दोगुनी हुई है। महिलाओं की ये बढ़ती भागीदारी इस बात का प्रमाण है कि समाज भी आगे बढ़ रहा है और साइंस भी आगे बढ़ रही है।
लैब से निकलकर जमीन तक पहुंचें प्रयास
पीएम मोदी ने कहा, विज्ञान के प्रयास बड़ी उपलब्धियों में तभी बदल सकते हैं, जब वो लैब से निकलकर लैंड (जमीन) तक पहुंचे। जब उसका प्रभाव ग्लोबल से लोकर ग्रासरूट तक हो, जब उसका विस्तार जर्नल्स से लेकर जमीन तक हो। जब उससे बदलाव रिसर्च से होते हुए रियल लाइफ में दिखने लगे। उन्होंने कहा, भारत की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए, भारत में विज्ञान का विकास, हमारे वैज्ञानिक समुदाय की मूल प्रेरणा होनी चाहिए। भारत में विज्ञान भारत को आत्मनिर्भर बनाने वाली होनी चाहिए।
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