नई दिल्ली । जमीन की खुदाई के वक्त अचानक से दो लोगों के हाथ करीब 30 करोड़ रुपये का खजाना लग गया. जमीन के नीचे से उन्हें प्राचीन सोने के सिक्के (gold coins), चांदी (Silver) की सिल्लियां, अंगूठियां और कई सारे आभूषण (jewelery) मिले. इनमें से कई 5वीं शताब्दी के थे. लेकिन लोगों ने खजाने को सरकार को सौंपने के बजाय बाजार में बेच दिया. इससे उन्हें करोड़ों रुपये की कमाई हुई. लेकिन अब इन लोगों को कोर्ट ने दोषी करार दिया है. इनसे पैसे वसूलने का आदेश भी दिया गया है. यह मामला ब्रिटेन (Britain) के हियरफोर्डशायर का है.
डेली मेल के मुताबिक, दोषियों ने मेटल डिटेक्टर से 2015 में हियरफोर्डशायर फार्मलैंड में इस खजाने को खोजा था. ये एक प्राइवेट प्रॉपर्टी थी. लेकिन उन्होंने खजाने के बारे में प्रॉपर्टी के मालिक को भी नहीं बताया.
उन्होंने जमीन में दफन खजाने का पता लगाया और फिर सोने के सिक्के, अंगूठियां आदि बाहर बाजार में बेच दीं. जबकि Treasure Act 1996 के तहत उनको इसकी जानकारी प्रशासन को देनी चाहिए थी.
11 साल 6 महीने जेल की सजा
इसको लेकर 2019 में 41 साल के जॉर्ज पॉवेल और 54 लेटन डेविस को चोरी, आपराधिक संपत्ति को छिपाने की साजिश और उसे बेचने का दोषी पाया गया. कोर्ट ने उन दोनों को 11 साल 6 महीने जेल की सजा सुनाई जिसमें पॉवेल को साढ़े 6 साल और डेविस को 5 साल जेल की जेल हुई.
हालांकि, अब इस मामले में कोर्ट ने एक और आदेश दिया है. इसके तहत पॉवेल और डेविस को तुरंत 1.2 मिलियन पाउंड (करीब 12 करोड़ रुपये) चुकाने होंगे. पिछले बुधवार को वॉर्सेस्टर क्राउन कोर्ट ने सुनवाई के बाद ये फैसला सुनाया है.
डेविस और पॉवेल को तीन महीने के भीतर ये रकम चुकानी होगी. यदि वे समय पर इसका भुगतान करने में विफल रहते हैं, तो वे अपनी मौजूदा साढ़े 11 साल की सजा के अलावा अतिरिक्त पांच साल व चार महीने जेल में बिताएंगे.
जज निकोलस कार्टराईट ने डेविस और पॉवेल को ‘लालची और स्वार्थी’ कृत्य वाला व्यक्ति बताया है. साथ ही कहा कि उन्होंने बहुत सी वस्तुओं को काला बाजार में बेचकर भारी मात्रा में धन जुटाया.
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