नई दिल्ली । केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री (Union Health Minister) मनसुख मंडाविया (Mansukh Mandaviya) ने कहा है कि नोएडा में (In Noida) कफ सिरप बनाने वाली कंपनी (Cough Syrup Manufacturing Company) मैरियन बायोटेक (Marion Biotech) की सभी निर्माण गतिविधियों (All Manufacturing Activities) पर रोक लगा दी गई (Have been Put on Hold)। उज्बेकिस्तान में कथित तौर से कफ सिरप के प्रयोग से हुई बच्चों की मौतों पर केंद्र सरकार सख्त नजर आ रही है।
बता दें कि नोएडा स्थित मैरियन बायोटेक कंपनी द्वारा निर्मित खांसी की दवा ‘डॉक -1 मैक्स’ के प्रयोग से 18 बच्चों की मौत का दावा है। मांडविया ने कहा कि सरकार इस पूरे मामले में नजर बनाए हुए है। जांच चल रही है, रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि विभिन्न केंद्रीय एजेंसियों और उत्तर प्रदेश के औषधि विभाग के एक दल ने गुरुवार (29 दिसंबर) को नोएडा में मैरियन बायोटेक कंपनी में निरीक्षण किया।
मनसुख मांडविया ने कहा कि कफ सिरप से जुड़े आरोपों की सूचना पाने के तुरंत बाद ही सीडीएससीओ और यूपी ड्रग कंट्रोल की एक-एक टीम ने मैरियन बायोटेक की नोएडा सुविधा का संयुक्त निरीक्षण किया। बता दें कि इस कंपनी में यह दवा बनाई जाती है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जांच रिपोर्ट मिलने के बाद इस मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।
राज्य सरकार के एक अधिकारी ने जानकारी दी कि भारत में मैरियन बायोटेक कंपनी अपनी खांसी की दवा ‘डॉक -1 मैक्स’ नहीं बेचती और इसका निर्यात केवल उज्बेकिस्तान को किया गया है।
कंपनी पर उठते सवालों के बीच मैरियन बायोटेक के कानूनी मामलों को देखने वाले हसन हैरिस ने 29 दिसंबर को एक बयान में कहा कि हमारी तरफ से पिछले 10 सालों में कोई समस्या नहीं आई है। फिलहाल इस मामले में दोनों देशों की सरकारें जांच कर रही हैं। हमारी जांच में कोई गड़बड़ी नहीं मिली है। हैरिस ने कहा, ‘‘मामले की जांच सरकार कर रही है, जांच रिपोर्ट आने के बाद हम इस पर गौर करेंगे।”
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