नई दिल्ली: सरकारी बचत योजनाओं में पीपीएफ यानी पब्लिक प्रोविडेंट फंड (Public Provident Fund) में निवेश एक बेहतर विकल्प माना जाता है, क्योंकि इसमें बेहतर ब्याज दर और टैक्स में छूट जैसी सुविधाओं का लाभ मिलता है. लेकिन लोन के मामले में भी ये फायदे का सौदा होता है. क्योंकि इसमें लोन लेने पर आपको बहुत कम ब्याज देनी पड़ती है और यह बहुत आसानी से मिल भी जाता है.
हर इन्वेस्टमेंट स्कीम में लोन की सुविधा मिलती है इसी तरह पीपीएफ अकाउंट में भी लोन और पार्शियल वि़ड्रॉल यानी आंशिक निकासी की सुविधा मिलती है. आइये जानते हैं पीपीएफ अकाउंट पर कितना लोन मिलता है और क्या ब्याज लगता है, साथ ही आप कैसे पीपीएफ खाते पर लोन ले सकते हैं?
सिर्फ 1% ब्याज पर मिल जाएगा कर्ज
पब्लिक प्रोफिडेंट फंड अकाउंट में जमा निवेश की कुल 25 फीसदी राशि लोन के तौर पर निकाली जा सकती है. साथ ही अकाउंट बैलेंस की गणना भी पिछले फाइनेंशियल ईयर 31 मार्च का चेक किया जाएगा. साथ ही किसी भी वित्तीय वर्ष में सिर्फ एक बार ही लोन के लिए आवेदन किया जा सकता है.
पीपीएफ अकाउंट पर मिलने वाले लोन की ब्याज दर, खाते में मिलने वाले इंटरेस्ट रेट से सिर्फ 1 फीसदी ज्यादा होती है. यानी अगर पीपीएफ खाते पर 7.1% का ब्याज मिल रहा है तो पीपीएफ लोन पर 8.1 प्रतिशत का ब्याज देना पड़ेगा. खास बात है कि ये पर्सनल लोन के मुकाबले सस्ता होता है.
आमतौर पर लोन हमेशा इमरजेंसी और अन्य किसी व्यक्तिगत जरुरतों को लेकर लिया जाता है. ऐसे में ज्यादातर लोग बैंकों से पर्सनल लोन लेते हैं. वहीं, पर्सनल लोन पर बैंक सबसे ज्यादा 10-15 फीसदी का ब्याज वसूलते हैं. ऐसे में अगर पीपीएफ अकाउंट में निवेश किया जाए तो तो यह इमरजेंसी में भी आपके लिए फायदेमंद साबित होगा, क्योंकि लोन लेने पर ज्यादा ब्याज का बोझ आपके ऊपर नहीं पड़ेगा.
लोन की अवधि और अन्य शर्तें
पीपीएफ अकाउंट पर लिए गए लोन को आप 36 महीनों में चुका सकते हैं इसलिए ज्यादा से ज्यादा 36 मासिक किस्तें बन सकती हैं. वहीं, अगला लोन आपको पहले को चुकाने के बाद मिलता है. यदि लोन का प्रिंसिपल अमाउंट 36 महीनों के अंदर नहीं चुकता किया गया तो ब्याज दर 1% की बजाय 6% लगेगा.
पीपीएफ अकाउंट से लोन लेने के लिए फॉर्म D का उपयोग किया जाता है. इस आवेदन पत्र में लोन की रकम और उसके भुगतान अवधि देनी होगी. इसके साथ आपको पीपीएफ पासबुक भी देनी होगी. इस पूरी प्रक्रिया के एक हफ्ते के अंदर लोन पास हो जाता है.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved