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राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से अखिलेश-जयंत ने बनाई दूरी, जानिए दोनों का मकसद

December 28, 2022

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष एवं सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) इस समय भारत जोड़ो यात्रा (India Jodo Yatra) निकाल रहे हैं और यात्रा का पहला चरण भी पूरा हो गया है। अब यात्रा नए साल यानि 3 जनवरी से इसका दूसरा चरण शुरू होने वाला है।

आपको बता दें कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) द्वारा भारत जोड़ो यात्रा निकाल रहे हैं । इस यात्रा में उनके समर्थन एक ओर जहां बॉलीबुड से लेकर नेताओं का समर्थन मिल रहा तो वहीं कुछ इस यात्रा से दूरी भी बनाते नजर आ रहे हैं। कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा क्या विपक्षी दलों को जोड़ने में कामयाब होगी? इस सवाल के जवाब में कांग्रेस की उम्मीदें बरकरार रहने के बावजूद अन्य विपक्षी दलों का उत्साहित नहीं होना, इस पर संदेह पैदा कर रहा है, हालांकि, कांग्रेस नेताओं का कहना है कि उनका मकसद सियासी नहीं है, बल्कि लोगों को एक खास उद्देश्य से जुड़ने के लिए आमंत्रित किया गया है।



जानकारी के लिए बता दें कि राहुल (Rahul Gandhi) की अगुवाई में चल रही कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा दिल्ली में अल्प विश्राम की अवधि पूरा होने के बाद अब यूपी में दाखिल होगी। यात्रा में कई बड़े नेताओं के शामिल होने की बात की जा रही थी। सपा प्रमुख अखिलेश यादव, रालोद के जयंत चौधरी, बसपा प्रमुख मायावती और अन्य नेताओं को आमंत्रण भेजे जाने के बाद सियासी चर्चा गरम हो गई, लेकिन, अब ये खबर आ रही है कि भारत जोड़ो यात्रा के यूपी पड़ाव में राज्य के पूर्व सीएम अखिलेश यादव और आरएलडी नेता जयंत चौधरी शामिल नहीं होंगे। कहा जा रहा है कि इन नेताओं के पहले से कार्यक्रम तय हैं। हालांकि इनका कोई प्रतिनिधि शामिल होगा या नहीं इस पर संशय बना हुआ है।

108 दिनों की यात्रा में अब तक उनके साथ विपक्ष के कई दूसरे नेता भी शामिल हुए। इनमें डीएमके चीफ और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन, एनसीपी नेता सुप्रिया सुले, उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे प्रमुख रहें। राहुल गांधी की यात्रा जिस भी प्रदेश में प्रवेश कर रही है उससे पहले उनका आमंत्रण पत्र समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों के नेताओं को जा रहा है।

विदित हो कि साल 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले साल 2023 में कई विधानसभा चुनाव है। साल 2023 में 10 राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने हैं। इन राज्यों में कर्नाटक, नगालैंड, त्रिपुरा, मेघालय, मिजोरम, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, जम्मू-कश्मीर और तेलंगाना शामिल हैं। इन राज्यों के सियासी गुणाभाग के अलावा वर्ष 2024 को लेकर भी अभी से सियासी समीकरण बनाने की पर्दे के पीछे कोशिश चल रही है। लिहाजा सभी दल बहुत सधे तरीके से अपना कदम तय करना चाहते हैं। अलग अलग तरह से खेमेबंदी की कोशिश जारी है। कौन किस खेमे में जायेगा, अभी कह पाना मुश्किल है।

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