नई दिल्ली । चीन (China), जापान (Japan), दक्षिण कोरिया (South Korea) और थाईलैंड (Thailand) समेत कई देशों में कोरोना (Corona) को लेकर नए सिरे से मचे हड़कंप के बीच भारत (India) में भी नई लहर की आशंका है। केंद्र सरकार (central government) इसे रोकने के लिए कमर कस चुकी है। लगातार बैठकों का दौर जारी है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया के साथ हुई बैठक में आईएमए ने कोरोना टीकों के एक और अतिरिक्त डोज यानी चौथी खुराक की जरूरत बताई। जिन देशों में अभी कोरोना से हाहाकार मचा है, वहां टीकों की एक बूस्टर खुराक के बावजूद यह स्थिति बनी है।
रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) व अन्य शीर्ष चिकित्सकों के साथ बातचीत की। इसमें देश में कोरोना की समीक्षा की गई। इसमें चिकित्सकों ने जनता को दूसरी बूस्टर खुराक की इजाजत देने का आग्रह किया। बता दें, देशवासियों को कोरोना टीकों की दो खुराक अनिवार्य रूप से दी गई है। तीसरी अतिरिक्त या बूस्टर खुराक देने का काम भी जारी है। चीन व अन्य देशों में हालात बेकाबू होते देख चौथी खुराक या दूसरी बूस्टर खुराक पर विचार चल रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री ने आईएमए के साथ यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की। इसमें देश में कोरोना की नई लहर की आशंका को देखते हुए शीर्ष चिकित्साविदों के साथ परामर्श किया गया। जानकारों का कहना है कि चीन में बड़ी संख्या में लोग बूस्टर खुराक ले चुके थे, इसके बाद भी वे ओमिक्रॉन के बीएफ.7 वैरिएंट की चपेट में आ गए। सरकार ने देशभर में कोविड मामलों, सांस रोगियों व एंफ्लूएंजा मरीजों पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं। आज देश के अनेक राज्यों के अस्पतालों में मॉक ड्रिल भी हो रही है, ताकि किसी भी स्थिति से निपटा जा सके।
‘सूचनाओं की महामारी’ से बचाव के उपाय करें
बैठक से जुड़े जानकार सूत्रों ने कहा कि बैठक में कहा गया कि विदेशों में संक्रमण की सही जानकारी मुहैया कराई जानी चाहिए, ताकि उसे देखकर देश में खतरे का आकलन किया जा सके। आशंकाओं को दूर करने और सूचनाओं की महामारी (इंफोडेमिक infodemic) रोकने के लिए प्रामाणिक जानकारी जरूरी है।
हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स की बढ़ाएं इम्युनिटी : डॉ. जयलाल
बैठक के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के पूर्व अध्यक्ष डॉ जेए जयलाल ने बताया कि सरकार से चौथी खुराक पर विचार करने का आग्रह किया गया। खासकर स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को यह देना जरूरी है। उन्होंने कहा कि हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए अंतिम खुराक लगभग एक साल पहले देना शुरू की गई थी। इतने लंबे अंतराल में इम्युनिटी खत्म हो जाएगी। इसलिए हमने मंत्री से लोगों, विशेष रूप से डॉक्टरों, नर्सों, अस्पताल के अन्य कर्मचारियों और अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों के लिए चौथी एहतियाती खुराक पर विचार करने का आग्रह किया है। क्योंकि इन्हें रोगियों को संभालना होता है, इसलिए सबसे ज्यादा जोखिम में रहते हैं।
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