पार्षद को लोगों से ज्यादा केबल लाइन की चिंता
भाजपा के एक पार्षद हैं। वे पहले केबल लाइन चलाते थे और अब भी लाइन चला रहे हैं। 5जी के आने के चलते सभी दूर मोबाइल कंपनियां अपनी लाइनें बिछा रही हैं। जब उक्त पार्षद के वार्ड में लाइन बिछाई जाने लगी तो उनको ये नागवार गुजरा। लाइन डालने वाले भी भाजपा से जुड़े थे। उन्होंने मना किया कि उनके वार्ड में लाइन डली तो केबल व्यवसाय पर भी असर होगा, लेकिन उनकी ठेेकेदार ने नहीं सुनी। इसके बाद पार्षद अपने आका के पास मदद के लिए पहुंचे। आका ने बोल तो दिया है, लेकिन नहीं लगता कि क्षेत्र में केबल डालने का काम रूकेगा।
विधानसभा से छूटते ही हरियाणा पहुंच गए
कमलनाथ के विधानसभा में नहीं होने का पूरा फायदा जीतू पटवारी ने उठाया और अपना तगड़ा होमवर्क कर अविश्वास प्रस्ताव को दम देने में कूद गए। हालांकि सरकार तो सरकार ठहरी। अविश्वास प्रस्ताव गिर गया और कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी। विधानसभा स्थगित हुई तो पटवारी इंदौर आने की बजाय राहुल गांधी की यात्रा में शामिल होने हरियाणा पहुंच गए और दिल्ली तक पैदल-पैदल निकल लिए। वैसे आने वाले समय में पटवारी को राहुल के ईर्द-गिर्द घूमने के परिणाम का कोई बड़ा फायदा मिलने वाला है।
क्या इरादें हैं ठाकुर साब के?
भाजपा के ठाकुर साब, यानि भंवरसिंह शेखावत। पिछले चुनाव में बदनावर से हारने के बाद एक तरह से भाजपा की सक्रिय राजनीति से दूर हैं। ठाकुर साब ने फिर से बदनावर में अपने लोगों में उठना-बैठना शुरू कर दिया है। उनको जानने वाले कह रहे हैं कि ठाकुर साब के मन में बदनावर हारने की टीस अभी भी घर किए हुए है और वे आने वाले साल में कोई बड़ा निर्णय लेकर चौंका सकते हैं। पिछले दिनों कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के यहां शोकसभा में वे कांग्रेसियों से घिरे रहे तो दूर से ही एक भाजपाई ने चुटकी ले ली कि ठाकुर साब के इरादे फिलहाल तो भाजपा के लिए नेक नहीं लग रहे हैं। अब उनके इरादे अपनी पार्टी के लिए नेक है या फिर कुछ और…ये वे खुद ही जानें। यूं भी ठाकुर साब अपने पत्ते इतनी जल्दी खोलने वाले नहीं है।
काम नहीं कर रहे भाजपा के ठेकेदार
संगठन को मजबूत करने की बैठक में नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे के सामने कई तरह की शिकायतें आ रही हैं। एक वार्ड की बैठक में तो वहां के पूर्व पार्षद ने अपनी ही पार्टी से जुड़े और मीडिया के महत्वपूर्ण पद पर रह चुके एक ठेकेदार पर आरोप लगाया कि वे उनके क्षेत्र में अधूरे पड़े काम नहीं कर रहे हैं। बताया जा रहा कि उक्त नेताजी तो भाजपा की उच्चस्तर की राजनीति करते हैं, लेकिन उनके भाई जरूर निगम के ठेकेदार हैं, जिनकी शिकायत हुई हंै। वैसे ऐसे कई ठेकेदार हैं, जो पार्टी के नाम पर अपना काम चला रहे हैं।
दो नंबर में सभापति पुत्र ने दिखाई ताकत
इस साल अटल खेल महोत्सव की भव्यता और बढ़ा दी गई। निगम सभापति मुन्नालाल यादव के पुत्र अंकित यादव इस आयोजन के कर्ताधर्ता हैं। इस बार भी दूसरे जिलों की टीमें आईं, लेकिन परिसर में ऐसा लगा कि यहां मिनी ओलम्पिक चल रहा हो। बैंडमिंटन और ताइक्वांडो के लिए इंडोर तो क्रिकेट, बॉलीवाल, बास्केटबॉल, फुटबॉल के आउटडोर स्टेडियम तैयार थे। यहां पहली बार जिम्नास्टिक के लिए भी तैयारी की गई, जो बाहर से आने वाले खिलाडिय़ों को खूब पसंद आई और सभापति पुत्र ने अपनी ताकत भी दिखा दी।
जब पार्षद पतियों को चुपचाप लौटना पड़ा
भाजपा के पार्षदों की ट्रेनिंग में शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र के पार्षदों की भी शनिवार को ट्रेनिंग हुई। ग्रामीण क्षेत्र की कुछ महिला पार्षदों के साथ-साथ उनके पति भी आ गए थे। ट्रेनिंग का काम देख रहे पूर्व पार्षद जवाहर मंगवानी ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया। इस पर कुछ पार्षद पति नाराज हो गए। उन्होंने कहा कि वे तो अपनी पत्नी के साथ हर आयोजन में जाते हैं। जब मंगवानी ने उन्हें बताया कि ये संगठन का काम है और केवल महिला पार्षदों की ही ट्रेनिंग ही होगी। इतने में एक पार्षद पति ने कहा कि पार्षद भले ही मेरी पत्नी हैं, लेकिन सारे काम तो मैं ही देखता हूं। हालांकि उन्हें संगठन की सख्ती के कारण चुपचाप मुंह नीचे करके लौटना ही पड़ा।
राजनीतिक रसूख रखने वाले भाजपा के एक पूर्व विधायक जब कलेक्टर इलैया राजा से मिलने पहुंचे तो उन्हें कलेक्टर के यहां से दो टूक संदेश मिला कि साब मीटिंग में आज व्यस्त हैं। अगली बार जब वे आएं, तब समय लेकर आएं। बेचारे नेताजी कर भी क्या सकते थे। छोटा-सा मुंह लेकर वहां से रवाना हो गए। – संजीव मालवीय
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