नई दिल्ली। कोरोना महामारी (corona pandemic) को जन्म देने वाला चीन आज बूरी तरह से फंस चुका है। कोरोना का कहर (corona pandemic) इस कदर बरप रहा है कि यहां के अस्पतालों में बेड खाली नहीं है। दवाएं कम पड़ गई और मरीजों को इलाज दर दर भटकना पड़ रहा है और चीन कह रहा कि दवाईयों की कोई कमी नहीं है।
बता दें कि चीन (China) में कोरोना वायरस (corona virus) के नए वेरिएंट बीएफ.7 (New Variant BF.7) के कारण सिर्फ झेजियांग प्रांत (Zhejiang Province) में ही हर दिन लगभग 10 लाख नए मामले आ रहे हैं। पूरे देश में कोराना मामलों के चलते लगातार संक्रमण बढ़ने से अस्पतालों में बेड की कमी हो गई है और लोगों को इलाज के लिए एक से दूसरे शहर तक जाना पड़ रहा है। तो वहीं उसके दोस्त और पड़ोंसी देश पाकिस्ताान में भी कोरोना को लेकर डर सताने लगा है, क्योंकि यहां के लोगों को ज्यादातर वैक्सीन चाइना ही लगी है।
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चाइनीज सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने रविवार को कहा कि राष्ट्रव्यापी मामलों में रिकॉर्ड उछाल के बावजूद चीन में शनिवार से पांच दिनों तक मुख्य भूमि पर कोई भी मौत कोरोना से नहीं हुई है। चीन के नागरिकों और कई विशेषज्ञों की माने तो वहां जीरो कोविड नीति में व्यापक बदलाव किए जाने के बाद संक्रमण काफी तेजी से बढ़ा है।
जानकारी के अनुसार चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने संक्रमित लोगों का आंकड़ा देना बंद कर दिया, जिससे मामलों को ट्रैक करना कठिन हो गया। इस कारण चीन में अब कोरोना हाहाकार मचाने लगा है। चीन की स्थानीय मीडिया की माने तो कोरोना की इस लहर में देश की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली पूरी तरह से चरमरा गई है।
पाकिस्तान चीन को अपना बेहद करीबी दोस्त बताता है, जो इस वक्त कोरोना वायरस के प्रकोप का सामना कर रहा है। लेकिन अब यही पाकिस्तान अपने दोस्त चीन की वजह से काफी डरा हुआ है। दरअसल चीन में कोरोना वायरस का जो वेरिएंट कहर बरपा रहा है, वह पाकिस्तान को भी तबाह कर सकता है। पाकिस्तान की सरकार लोगों को आने वाले खतरे को लेकर चेतावनी दे रही है।
इसी बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना से जुड़े आंकड़ों को लेकर चिंता जाहिर की है। इसके लिए डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने एक बार फिर चीन से कोरोना महामारी की उत्पत्ति को बेहतर ढंग से समझने के लिए संबंधित आंकड़ों को साझा करने को कहा है।
डब्ल्यूएचओ प्रमुख घेब्रेयसस ने यहां एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि कोविड-19 के बाद की स्थिति की हमारी समझ से परे है और हम यह नहीं समझ पा रहे हैं कि संक्रमण के दीर्घकालिक परिणामों से पीड़ित लोगों का इलाज कैसे किया जाए। आगे कहा कि इस महामारी की शुरुआत कैसे हुई, इस बारे में बारे में समझने के लिए सही डेटा की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हमने चीन से आंकड़ों को साझा करने का अनुरोध किया है।
दरअसल, कोरोना का पहला मामला चीन के वुहान में मिला था। विशेषज्ञों ने वायरस की उत्पत्ति पर दो प्रमुख सिद्धांतों को सामने रखा है। पहला सिद्धांत यह है कि सार्स-कोव-2 एक प्राकृतिक जेनोटिक स्पिलओवर का परिणाम है। दूसरा सिद्धांत यह है कि वायरस ने एक शोध से संबंधित घटना के परिणामस्वरूप मनुष्यों को संक्रमित किया। सार्स-कोव-2 एक श्वसन रोगजनक के रूप में उभरा है, जो मानव से मानव में फैलता है।
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