नई दिल्ली । पाकिस्तान और बांग्लादेश सीमा से (From Pakistan and Bangladesh Border) ड्रग्स तस्करी (Drugs Smuggling) को पूरी तरह से खत्म करने के लिए (To Completely Eliminate) केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) ने उन्नत तकनीक से लैस (Equipped with Advanced Technology) एक ऐसा प्लान तैयार किया है (Has Prepared A Plan), जिससे तस्करों (Smugglers) को घने कोहरे और अंधेरी रात में भी (Even in Thick Fog and Dark Night) पकड़ने में आसानी होगी (Easy to Catch) । वैसे ड्रग्स तस्करी की समस्या को रोकने के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) समेत कई एजेंसियां हर वक्त मुस्तैद रहती हैं।
गृह मंत्रालय ने बताया कि सीमा क्षेत्र में प्रभावी वर्चस्व के लिए तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। इनमें हैंड हेल्ड थर्मल इमेजर (एचएचटीआई), नाइट विजन डिवाइस (एनवीडी), ट्विन टेलीस्कोप यूएवी आदि जैसे निगरानी उपकरणों का प्रयोग फोर्स मल्टीप्यालरों के रूप में किया जा रहा है। इसके अलावा सीमाओं पर लांग रेंज रिकोनेसांस एंड ऑब्जर्वेशन सिस्टम (एलओआरआरओएस), बैटल फील्ड सर्वलांस रडार (बीएफएसआर) भी तैनात किए गए हैं। एक अधिकारी ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय सीमा के चुनिंदा हिस्सों मैं सीसीटीवी / पीटीजेड कैमरों से युक्त एकीकृत निगरानी प्रौद्योगिकी तथा कमांड एवं कंट्रोल प्रणाली के साथ आईआर सेंसर्स और इन्फ्रारेड अलार्म भी स्थापित किए गए हैं। यही नहीं आने वाले दिनों में करीब 5,500 सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं, ताकि निगरानी को और बेहतर किया जा सके। इसके अलावा अंधेरे के समय क्षेत्र में रौशनी करने के लिए सीमा सुरक्षा बाड़ के साथ बार्डर फ्लड लाइटें लगाई गई हैं।
पिछले कुछ सालों में भारत-पाकिस्तान और भारत-बांग्लादेश की सीमा से नशीले पदार्थों की तस्करी में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। पिछले 3 सालों के आंकड़ों पर नजर डालें, तो दोनों सीमाओं से बीएसएफ ने हजारों किलोग्राम ड्रग्स जब्त किए हैं। साल 2019 में 12,542.566 किलो ड्रग्स सीमा पर पकड़ा गया है। वहीं साल 2020 में 12,492.439 किलोग्राम ड्रग्स की जब्ती की गई। पिछले साल 2021 में बड़ी बढ़ोत्तरी के साथ 20,118.950 किलोग्राम ड्रग्स सीमाओं से बरामद किया गया है। नशीले पदार्थों की अवैध आवाजाही राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी एक गंभीर खतरा है। गौर करने वाली बात यह है कि नशीले पदार्थों के तस्कर तस्करी के लिए देश की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं का उल्लंघन करते हैं।
एजेंसियों को पता चला है कि हथियारों की तस्करी और आतंकवादियों की घुसपैठ कराने के लिए भी इन्हीं तस्करों के तरीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। यही नहीं ड्रग तस्करों और राष्ट्र-विरोधी समूहों के बीच सांठगांठ के पुख्ता सबूत भी एजेंसियों के हाथ लगे हैं। वहीं एजेंसियों को कई ऐसे सबूत भी मिले हैं, जिससे पता चलता है कि नशीले पदार्थों की बिक्री से होने वाले मुनाफे का इस्तेमाल आतंकवादी अभियानों के लिए किया जा रहा है। कुछ मामलों की जांच के दौरान एजेंसियों के सामने आया कि जम्मू कश्मीर और पंजाब में आतंकी अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देने के लिए नशीले पदार्थों के पैसे का इस्तेमाल कर रहे हैं। गृहमंत्री अमित शाह ने भी हाल ही में ड्रग्स के पैसों से हो रहे आतंक के वित्तपोषण को एक गंभीर खतरा माना था।
जानकारी के मुताबिक सीमा पर जवानों द्वारा चौबीसों घंटे निगरानी करके और पूरी अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर गश्त लगाकर, नाके लगाकर, निगरानी चौकियों पर तैनाती करके सीमाओं पर प्रभावी वर्चस्व बनाया जा रहा है, वहीं बीएसएफ राज्य पुलिस, एनसीबी, डीआरआई जैसी एजेंसियों के साथ मिलकर सीमाओं पर विशेष अभियान भी चला रहे हैं।
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